गेहूं चना सरसों सहित 6 रबी फसलों की बढ़ाई एमएसपी

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किसानों के लिए खुशखबरी; केंद्र ने 6 रबी फसलों की MSP बढ़ाई, गेंहू की कीमत 2125 रुपये/क्विंटल हुई

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को विपणन सीजन 2023-24 के लिए छह रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दे दी है। मसूर के एमएसपी में अधिकतम 500 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी मिली है। केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सरकार के फैसले की जानकारी दी है।

केंद्रीय कैबिनेट और आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) के बीच आज बैठक में छह रबी फसलों का मिनिमम सपोर्ट प्राइस बढ़ाने का फैसला लिया गया। खास बात यह है की सबसे ज्यादा दालों पर MSP में बढ़ोतरी की गई है। वहीं जूट की MSP में 110 रुपये क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सभी सिफारिशों को कैबिनेट से मंजूरी मिली है।

छह रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा

गेहूं का MSP 110 रु बढ़कर 2125 र/टन
जौ का MSP 100 रु बढ़कर 1735 रु/टन
चने का MSP 105 बढ़कर 5335 रु/टन
मसूर का MSP 500 रु बढ़कर 6000 रु/टन
सरसो का MSP 400 रु बढ़कर 5450 रु/टन
कुसुम का MSP 209 रु बढ़कर 5650 रु/टन

केंद्र सरकार ने कल, सोमवार को, पीएम किसान सम्मान निधि योजना का पैसा ट्रांसफर किया तो आज किसानों को दिवाली का एक और तोहफा दिया है। आज मंगलवार को डीसीसरकार ने रबी की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाया है। इस खबर से किसानों के बीच खुशियों का माहौल है। किसान MSP में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे थे।

आपको बता दें कि एमएसपी कमेटी ने रबी की 6 फसलों के लिए 9 फीसदी तक की MSP बढ़ाने की सिफारिश की थी। इसके बाद कृषि मंत्रालय ने भी इन फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की सिफारिश की और आज केंद्रीय कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी।

किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला 2018-19 के बजट की उस घोषणा को पूरा करने हेतु लिया गया है, जिसमें कहा गया था कि MSP को पूरे भारत में उत्पादन की लागत से 1.5 गुना तय किया जाएगा।

सरकार ने कहा कि उसके 11,040 करोड़ रुपये के खाद्य तेल- पाम तेल(एनएमईओ-ओपी) पर राष्ट्रीय मिशन खाद्य तेलों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा। इसे किसानों की आय और फसलों का उत्पादन बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या है MSP दर

केंद्र सरकार किसानों के हित के लिए फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है। इसे ही मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) कहते हैं। मान लीजिए अगर कभी फसलों की क़ीमत बाज़ार के हिसाब से गिर भी जाती है, तब भी केंद्र सरकार इस MSP पर ही किसानों से फसल खरीदती है ताकि किसानों को नुक़सान से बचाया जा सके। 60 के दशक में सरकार ने अन्न की कमी से बचाने के लिए सबसे पहले गेहूं पर एमएसपी शुरू की ताकि सरकार किसानों से गेहूं खरीद कर अपनी पीडीएस योजना के तहत ग़रीबों को बांट सके। कृषि मंत्रालय का एक विभाग कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कोस्ट्स एंड प्राइसेस गन्ने पर एमएसपी तय करता है।

किस-किस फसल पर एमएसपी मिलता है

सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली कुल 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है।

इसमें 7 अनाज वाली फसलें हैं- धान, गेहूं, बाजरा, मक्का, ज्वार, रागी, जौ.
5 दालें – चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर
7 ऑयलसीड – मूंग, सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, तिल, नाइजर या काला तिल, कुसुम
4 अन्य फसल – गन्ना, कपास, जूट, नारियल

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