किशनगढ़ में खुले कस्टम क्लीयरेंस कार्यालय : सांसद भागीरथ चौधरी

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अजमेर सांसद चौधरी ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र

अजमेर। अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने मार्बल एवं ग्रेनाइट के बढते आयात-निर्यात की गतिविधियों को दृष्टिगत रखते हुए किशनगढ़ में कस्टम क्लीयरेंस कार्यालय खोलने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमणको पत्र लिखा है।
उन्होंने वित्तीय वर्ष 2022-23 में सक्षम स्वीकृति जारी कराने की मांग की और पत्र के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि मेरे संसदीय क्षेत्र अजमेर में स्थित विश्वविख्यात औद्योगिक एवं मार्बल नगरी किशनगढ में मार्बल एवं ग्रेनाईट का आयात-निर्यात भारी मात्रा में हो रहा हैं। यहां पर रेलवे का एक कन्टेनर डिपो भी स्थापित है। जहां मार्बल एवं ग्रेनाइट उत्पाद का लदान निर्यात के लिये गुजरात के कान्डला एवं मून्दडा बन्दरगाह से अमेरिका, स्पेन, ब्रिटेन, वियतनाम, ईटली, जर्मनी, आस्टेऊलिया, दुबई, थाईलैण्ड, एवं कतर आदि देशों को किया जाता है। दूसरी ओर भारी मात्रा में आयात वियतनाम, इटली, मिश्र एवं चीन आदि देशों से किया जाता है।
सरकारी आकड़ों के अनुसार इन देशों को प्रतिदिन लगभग 40-50 कन्टेनर्स का आयात-निर्यात किशनगढ़ औद्योगिक क्षेत्र से हो रहा है। जिसमें प्रतिदिन केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की महत्ती आवश्यकता हो रही है। यहां के निर्यातकों एवं आयातकों को मजबूरीवश कस्टम क्लीयरेंस के लिए या तो जयपुर जाना पडता है या इन बन्दरगाहों पर ही जाना पड़ता है। इससे काफी असुविधा, विलम्ब एवं अनावश्यक आर्थिक भार वहन करना पड़ा रहा है। यदि यहां पर कस्टम क्लीयरेंस कार्यालय खोल दिया जाता है तो निश्चित ही मार्बल एवं ग्रेनाईट क्षेत्र में आयात एवं निर्यात कार्य में कई गुना वृद्वि हो जाएगी। उन्होंने पत्र में बताया है कि किशनगढ़ से हाल ही में दिल्ली-मुम्बई रेलमार्ग पर डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर (डीएफसीसी) योजना के तहत न्यू किशनगढ रेलवे स्टेशन का संचालन भी प्रारम्भ हो गया है, जिसके फलस्वरुप अब विशेष कर देश के दक्षिणी भाग में माल की ढुलाई में तीव्रता आएगी। ऐसे में यहां कस्टम क्लीयरेंस कार्यालय खोलने से व्यापार में सुगमता होगी। किशनगढ़ मार्बल एसोसियशन के पदाधिकारियों एवं व्यापारियों द्वारा किशनगढ़ में कस्टम क्लीयरेंस कार्यालय खोलने की मांग सांसद चौधरी से की गई थी।

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