विधायक भरत सिंह ने कहा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में चुनाव लड़ने की नहीं रही हिम्मत

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विधायक ने लिखा सीएम को पत्र
जयपुर, 30 मई।
राजस्थान में कांग्रेस सरकार गठन के समय से ही नाराज चल रहे कोटा जिले के सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी को आईना दिखा दिया है। इस बार उन्होंने राज्यसभा के लिए तय किए गए तीनों बाहरी उम्मीदावारों को लेकर पार्टी पर निशाना साधा है। भरत सिंह ने सीएम अशोक गहलोत को लिखे पत्र में काफी तल्ख भाषा का इस्तेमाल किया है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए मुकुल वासनिक, रणदीप सिंह सुरजेवाला और प्रमोद तिवाड़ी को राजस्थान से उम्मीदवार बनाया है। ये तीनों ही उम्मीदवार राजस्थान से बाहर के हैं।

कुछ यूं हैं पत्र का मजमून

भरत सिंह ने सीएम को लिखा कि उन्हें समाचार पत्रों में छपी खबर से जानकारी मिली है कि राज्यसभा चुनाव के लिए घोषित तीनों प्रत्याशी राजस्थान से बाहर के हैं। कांग्रेस पार्टी के लिए संतोष की बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने घनश्याम तिवाड़ी को प्रत्याशी बनाया है, जो कुछ समय के लिए कांग्रेस के सदस्य रहे हैं।
भरत सिंह ने लिखा है कि कांग्रेस के तीनों वरिष्ठ नेताओं का लाभ राज्यसभा में जरूर मिलेगा, लेकिन यह भी सच्चाई है कि लोकसभा-विधानसभा का चुनाव लड़ने में बड़े नेता हिम्मत नहीं दिखा पाते हैं। पार्टी के बड़े नेता अब राज्यसभा के सहारे ही जिंदा रहना चाहते हैं।

जीतने के बाद बन जाते हैं ‘लाट साहब’

विधायक भरत सिंह ने पत्र के अंत में लिखा है कि कांग्रेस विधायक के नाते मेरी पीड़ा है कि यह नेता चुनाव जीतने के बाद लाट साहब बन जाते हैं। पार्टी के विधायकों व कार्यकर्ताओं से मिलने का इनके पास न तो समय है न ही चिंतन है। उन्होंने हाड़ौती की एक कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि ‘बड़े घर बेटी दी, अब मिलबा का सांसा’

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