कलेक्टर के फोन में व्यस्त होने पर मंत्री रमेश मीना ने लगाई फटकार, कलेक्टर ने छोड़ी मीटिंग

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आईएएस एसोसिएशन ने की सीएम से कार्रवाई की मांग 

जयपुर। ब्यूरोक्रेसी की एसीआर भरने को लेकर प्रदेश में बयानबाजी का दौर अभी थमा भी नहीं कि बीकानेर शहर में एक कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने कलेक्टर को डांट लगा डाली। मीणा ने कार्यक्रम में मौजूद जिला कलेक्टर के मोबाइल फोन देखे जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। इस पर जिला कलेक्टर बिना कुछ बोले कार्यक्रम से चले गए। हालांकि, कुछ देर बाद कलेक्टर वापस लौट आए। इधर, एक बार फिर से अफसरों की एसीआर भरने का मुद्दा उठाने वाले खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने उदयपुर में मीडिया से कहा कि पावर सेंट्रलाइज नहीं, बल्कि डी-सेंट्रलाइज होनी चाहिए।  

मोबाइल देख रहे थे बीकानेर कलेक्टर

मंत्री मीणा सोमवार को बीकानेर में रविंद्र रंगमंच में एक कार्यक्रम में महिलाओं को संबोधित कर रहे थे। मंच पर जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल सहित अन्य लोग मौजूद थे। अपने संबोधन के दौरान मंत्री की नजर कलेक्टर पर पड़ी तो वे अपने मोबाइल फोन में व्यस्त थे। मंत्री ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘आप हमारी बात क्यों नहीं सुन रहे हैं। क्या इस सरकार पर नौकरशाह इतने हावी हो गए हैं?’ इसके जवाब में कलेक्टर बिना कुछ बोले सोफे से उठ खड़े हुए। उसी समय मंत्री ने कहा, ‘आप यहां से जाइए।’ इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। मंत्री मीणा यहां राजीविका योजना के तहत लाभ ले रही महिलाओं से संवाद कर रहे थे।

सुन नहीं रहे थे कलेक्टर

मंत्री मीणा ने घटना को लेकर बताया कि कलेक्टर लगातार अपने फोन में व्यस्त थे और उनके संबोधन के दौरान उठाए गए मुद्दों को नहीं सुना। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने मनरेगा जैसी योजनाओं के बारे में कुछ बातें कही थी और मैंने कलेक्टर को यह बताया, लेकिन उन्होंने नहीं सुना और वे अपने फोन को देखने में व्यस्त थे। वह बार-बार फोन पर भी बात कर रहे थे। मीणा ने कहा कि एक मंत्री कलेक्टर को कुछ महत्वपूर्ण बात बता रहा है और कलेक्टर अपने फोन में व्यस्त रहे। यह लापरवाही है। इससे जनता में क्या संदेश जाता है? जब कलेक्टर मंत्री की बात नहीं सुनेंगे तो आम जनता की कैसे सुनेंगे और उनकी शिकायतों का समाधान कैसे होगा? मंत्री ने कहा कि वह घटना के बारे में मुख्यमंत्री से बात करेंगे और कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।

दोनों मंत्रियों को बर्खास्त किया जाए: डॉ. किरोड़ी

राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने मामले को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दौसा में स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सीनियर आरएएस को गेट- आऊट कहा गया तथा बीकानेर में पंचायत मंत्री ने कलेक्टर को गेट-आऊट कर ब्यूरोक्रेसी का घोर अपमान किया है। ये लोग भय का वातावरण बना रहे हैं। ऐसे दोनों मंत्रियों को बर्खास्त किया जाए।

ईमानदार अधिकारियों का गिर रहा
मनोबल

बीकानेर में कलेक्टर को मंत्री रमेश मीणा के बाहर जाने के लिए कहने के प्रकरण में आईएएस एसोसिएशन के महासचिव समित शर्मा के नेतृत्व में उषा शर्मा को ज्ञापन दिया। इसमें इस प्रकरण में कार्रवाई की मांग करते हुए कहा गया कि हाल के दिनों में बढ़ रही ऐसी घटनाओं से फील्ड में काम करने वाले मेहनती और ईमानदार अधिकारियों का मनोबल गिर रहा है। ज्ञापन में कहा गया कि जनप्रतिनिधि सिर्फ पब्लिसिटी के लिए विपरीत टिप्पणियां करते रहते हैं जबकि यदि किसी अधिकारी का काम असंतोषजनक हो तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। सीएम गहलोत से इस प्रकरण में जरूरी कार्रवाई की मांग करते हुए यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि भविष्य में ऐसे प्रकरण दोहराए ना जा सके। ज्ञापन ने यह भी कहा कि सीएम ऐसे प्रकरणों की  सार्वजनिक निंदा करें तो यह प्रशंसनीय होगा क्योंकि राजस्थान ऐसे राज्य के रूप में जाना जाता है जहां अफसरों और नेताओं में तालमेल और अंडरस्टैंडिंग है। सीएस उषा शर्मा ने आईएएस अधिकारियों की भावना से सहमति जताते हुए सीएम के आने के बाद इस बारे में बात करने का आश्वासन दिया है। मुलाकात के दौरान कुछ अधिकारियों ने मंत्री और जनप्रतिनिधियों के लिए भी संहिता होने की बात कही।

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