
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में विद्यार्थी परिषद ने रखी मांग
जयपुर.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में ऑफलाइन शिक्षा के लिए ज्ञापन सौंपा गया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विश्वविद्यालय में ऑफलाइन शिक्षा के संचालन हेतु विद्यार्थी परिषद के छात्र धरना कर रहे हैं। ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था संचालित होने की वजह से कुछ मूलभूत सुविधाओं जैसे लाइब्रेरी इंटरनेट कनेक्टिविटी से जूझ रहे छात्रों को हो रही असुविधाओं को ध्यानपूर्वक संज्ञान में लिया जाए तथा इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय में ऑफलाइन शिक्षण व्यवस्था का संचालित करें।
विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार प्रो. डी सी शर्मा तथा चीफ प्रॉक्टर प्रो. अमित गोयल द्वारा मांगे पूरी करने के लिए आश्वासन दिया गया। इसके पश्चात छात्रों ने निर्णय लिया कि जब तक मांगे नहीं पूरी होती हैं प्रत्येक शनिवार को धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर विशेष स्थान रखने वाला राजस्थान का महत्वपूर्ण तथा एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रणाली को ऑफलाइन माध्यम से संचालित करने हेतु अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय कुलपति को ज्ञापन दिया गया। पिछले वर्ष भारत सहित संपूर्ण विश्व को कोरोना महामारी ने अपने चपेट में ले लिया था। इस महामारी के कारण सभी सामूहिक गतिविधियां प्रभावित हो गई थी। सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शैक्षणिक गतिविधियों को ऑनलाइन माध्यम से संचालित करने की योजना बनाईए जिसका विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। साथ ही साथ विद्यार्थियों को अनेक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। प्राइवेट संस्थानों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से अर्जित किए गए सर्टिफिकेट को कम मान्यता मिल रहा है जिससे वे रोजगार क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जा रहे हैं।
जिसको देखते हुए देश के अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों में ऑफलाइन शिक्षा का संचालन आरंभ किया जा रहा है। इकाई सचिव राजा पाण्डेय ने बताया की राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान का सबसे महत्वपूर्ण केंद्रीय विश्वविद्यालय है लेकिन यहां पिछले साल से बिना स्थाई कुलपति के विश्वविद्यालय के शिक्षण कार्यो का संचालन किया जा रहा है और ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बस औपचारिकता पूरी की जा रही है तथा इसका दुष्प्रभाव विद्यार्थियों के मनोबल पर पड़ा रहा है।