
एबीवीपी की राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय इकाई की पहल
मदनगंज-किशनगढ़.
गत वर्ष 2020 से ही भारत सहित संपूर्ण विश्व में कोरोना महामारी व्याप्त है। कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न समस्याओं के परिणामस्वरूप सामाजिक आर्थिक के साथ ही साथ शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह बाधित हो गयी है। इसी परेशानियों को मद्देनजर रखते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की केन्द्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान की इकाई ने गत मंगलवार को कुलपति केन्द्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान को एक मांगपत्र सौंपा। जिसमें क्रमश: तीन बिन्दुओं की ओर ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया गया है। प्रथम गत वर्ष मार्च में लागू लॉकडाउन के बाद से ही विश्वविद्यालय की सभी शैक्षणिक गतिविधियां ऑनलाइन माध्यम से संचालित हो रही हैं। लेकिन विश्वविद्यालय प्रांगण में उपलब्ध सभी सुविधाओं का शुल्क छात्रों से लिया गया है इसमें अनेक ऐसी सुविधाएं भी शामिल हैं जिनका केवल प्रत्यक्ष रूप से ही उपभोग किया जा सकता है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इन सभी सुविधाओं का शुल्क छात्रों से लिया गया है जबकि विद्यार्थी विश्वविद्यालय परिसर में उपस्थित ही नहीं है। इकाई अध्यक्ष विकास पाठक ने बताया कि इस संबंध में कुलपति को ज्ञापन पत्र सौंपकर यह मांग किया गया है कि इन शुल्कों को माफ किया जाए तथा पहले से जमा शुल्क को वापस किया जाना चाहिए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई ने दूसरी ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए मांग प्रस्तुत किया है कि विद्यार्थियों द्वारा निश्चित समय सीमा से विश्वविद्यालय पुस्तकालय में पुस्तक वापस न करने के कारण जो विलंब शुल्क लिया जाता है उसे माफ किया जाना चाहिए।
कोरोना महामारी के कारण सभी आर्थिक गतिविधियाँ ठप हो गयी हैं जिससे अनेक अभिभावक विश्वविद्यालय द्वारा जारी शुल्कों का भार वहन करने में सक्षम नहीं हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इकाई सचिव रजत पाण्डेय ने बताया कि इकाई ने कुलपति को पत्र लिखकर तीसरा यह निवेदन किया गया है कि आगामी सेमेस्टर में शुल्क में कुछ कमी करने पर विचार करना चाहिए जिससे अभिभावकों को कुछ आर्थिक मदद मिल जाएगी। परिणामस्वरूप विद्यार्थी तथा अभिभावक मानसिक रूप से तनाव मुक्त हो पठन पाठन की गतिविधि को सुचारु ढंग से आगे बढ़ा सकेंगे।