नई दिल्ली। केरल की वायनाड संसदीय सीट से सांसद राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि मामले में सजा सुनाए जाने के बाद शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है।
गौरतलब है कि सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें गुरुवार को दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी। अदालत ने हालांकि गांधी को जमानत दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि राहुल गांधी फैसले को चुनौती दे सकें। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि वह भारत की आवाज के लिए लड़ रहे हैं और हर कीमत चुकाने को तैयार हैं। राहुल ने एक ट्वीट में कहा कि मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।
यह है कानून
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को किसी मामले में दो साल या उससे अधिक कारावास की सजा सुनाई जाती है तो वह दोषी करार दिए जाने की तारीख से सदन की सदस्यता से अयोग्य हो जाएगा और सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह और साल के लिए अयोग्य रहेगा।
डर कर चुप नहीं बैठेंगे: खरगे
राहुल गांधी को अयोग्य ठहराये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वह कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी तथा बिना खामोश हुए ‘अडाणी महाघोटाले’ पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग करती रहेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह सब इसलिए किया गया ताकि राहुल गांधी संसद में सवाल नहीं कर सकें, लेकिन राहुल और कांग्रेस डर कर चुप नहीं रहेंगे। वहीं, विधि एवं न्याय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने फैसले को न्यायसंगत करार देते हुए कहा कि कानून के समक्ष सभी बराबर हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश से भाजपा के एक विधायक को भी आपराधिक मामले में दोषी करार दिए जाने पर अयोग्य ठहराया गया था।
राहुल को खाली करना पड़ सकता है सरकारी बंगला
सांसद के तौर पर अयोग्य ठहराए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि मामले में ऊपरी अदालत से राहत नहीं तो एक माह में लुटियंस दिल्ली स्थित सरकारी आवास खाली करना पड़ सकता है। राहुल को वर्ष 2004 में लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद 12, तुगलक लेन बंगला आवंटित किया गया था। आवासन और शहरी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है, इसलिए वह सरकारी आवास के हकदार नहीं हैं। नियमों के अनुसार, उन्हें अयोग्यता आदेश की तारीख से एक महीने के भीतर अपना आधिकारिक बंगला खाली करना होगा।
इन जनप्रतिनिधियों को ठहराया जा चुका है अयोग्य
लालू प्रसाद यादव
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष को सितंबर 2013 में चारा घोटाला के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था। उस समय वह बिहार के सारण से सांसद थे।
जे.जयललिता
अन्नाद्रमुक की तत्कालीन प्रमुख जयललिता को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में चार साल के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद सितंबर 2014 में तमिलनाडु विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था।
पीपी मोहम्मद फैजल
लक्षद्वीप से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद पीपी मोहम्मद फैजल को जनवरी 2023 में हत्या के प्रयास के एक मामले में 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद वह स्वत: ही संसद सदस्यता से अयोग्य हो गए थे। हालांकि, केरल उच्च न्यायालय ने बाद में फैजल की दोषसिद्धि और सजा को निलंबित कर दिया। सांसद के अनुसार लोकसभा सचिवालय ने अब तक उनकी अयोग्यता को वापस लेने के संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की है।
आजम खान
समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान को 2019 के नफरत भरे भाषण के एक मामले में एक अदालत ने तीन साल कैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें अक्टूबर 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य करार दिया गया था। वह रामपुर सदर विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
अनिल कुमार सहनी
राजद विधायक सहनी को धोखाधड़ी के एक मामले में तीन साल कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अक्टूबर 2022 में बिहार विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था।
विक्रम सिंह सैनी
भाजपा विधायक सैनी को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अक्टूबर 2022 के प्रभाव से अयोग्य करार दिया गया था। उन्हें 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। सैनी खतौली सीट से विधायक थे।
प्रदीप चौधरी
कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी को जनवरी 2021 में हरियाणा विधानसभा से अयोग्य करार दिया गया था। उन्हें हमले के एक मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी। वह कालका से विधायक थे।
कुलदीप सिंह सेंगर
कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद फरवरी 2020 में उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था।
अब्दुल्ला आजम खां
सपा विधायक अब्दुल्ला आजम खां को फरवरी 2023 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य करार दिया गया था। कुछ दिन पहले ही एक अदालत ने 15 साल पुराने एक मामले में उन्हें दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। आजम खां के बेटे अब्दुल्ला रामपुर की स्वार विधानसभा से सदस्य थे।
अनंत सिंह
राजद विधायक अनंत सिंह को जुलाई 2022 में बिहार विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था। उन्हें उनके आवास से हथियार और गोला-बारूद जब्त होने से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था। सिंह पटना जिले की मोकामा सीट से विधायक थे।