
अजमेर. “एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) शिक्षकों को समग्र रूप से तैयार करेगा और भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने में सहायक हो सकता है।” यह कहना था प्रो (डॉ) संजीव सोनावणे, कुलपति यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय नासिक का जो हाल ही में राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय में एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम जो कि एनसीटीई (National Council for Teacher Education) द्वारा मान्यता प्राप्त है के शुभारंभ के लिए मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने की।
प्रोफेसर संजीव सोनावणे ने यह भी उल्लेख किया की आईटीईपी एक प्रमाणन कार्यक्रम नहीं है यह एक चार साल का शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम है जो वास्तव में सीखने के सभी स्तरों पर सक्षम शिक्षकों को तैयार करेगा और यह हमारे राष्ट्र के लिए एक संपति होगी। उन्होने आगे चुनौतिपूर्ण शिक्षाशात्र की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होने कहा की यह प्रत्येक शिक्षक की ज़िम्मेदारी है की वह प्रत्येक मानव को सोचने के लिए चुनौती देने और सक्रिय करने में सहायता करे क्योंकि यही वह तरीका है जिससे आप सीखने को प्रेरित कर सकते हैं। उन्होने स्वयं इस कार्यक्रम के पाठ्यक्रम ढ़ाचे का हिस्सा होते हुए राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के आईटीईपी कार्यक्रम को अपना शैक्षणिक समर्थन देने का आश्वासन दिया। मुख्य अतिथि प्रो संजीव सोनावणे ने एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने की पहल करने के लिए राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय को बधाई दी।
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय को एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने पर गर्व है जो भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के लिए एक मूल्यवर्धन है। उन्होंने राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय की उपलब्धियों, विश्वविद्यालय को मिलने वाले अनुदानों पर प्रकाश डाला और विश्वविद्यालय की आगामी परियोजनाओं के बारे में भी बताया जो वर्ष 2023 में प्राप्त NAAC A++ ग्रेड और प्रथम श्रेणी विश्वविद्यालय स्टैटस की सफलता की कहानी में चार चाँद लगा देंगी।
इसके पूर्व प्रोफेसर आनंद भालेराव ने मुख्य अतिथि का पुष्पगुच्छ, शॉल, स्मृति चिन्ह, गीता एवं श्रीफल से अभिनंदन किया। डीन स्कूल ऑफ एजुकेशन और प्रमुख, शिक्षा विभाग डॉ संजीब पात्रा ने स्वागत भाषण दिया और शिक्षा विभाग के समन्वयक डॉ नरेंद्र कुमार ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया।