
जयपुर। भगवान गणेश का जन्मोत्सव शुक्रवार, 10 सितंबर को मनाया जाएगा। भारत के विभिन्न राज्यों में जन्मोत्सव को अलग – अलग तरीके से मनाया जाता है। महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से 10 सितंबर से शुरू होने वाले दस दिवसीय गणेश जन्मोत्सव कायर्कक्रमों का समापन 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी को होगा। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहा जाता है। भगवान गणेश के जन्मदिन गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डण्डा चतुर्थी आदि नामों से भी जाना जाता है। दस दिन तक चलने वाले इस त्योहार पर गणेश जी की मूर्ति घर में स्थापित की जाती है।
हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। किसी भी शुभ काम या पूजा की शुरुआत इनकी पूजा-अर्चना से की जाती है। इन्हें विघ्रहर्ता भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि किसी भी कार्य की शुरुआत इनकी पूजा से करने पर कार्य बिना किसी रुकावट व बाधा के पूर्ण होता है। भगवान गणेश को सुख, समृद्धि और वैभव का प्रतीक माना जाता है।
क्रिस्टल के गणेश जी करते हैं वास्तु दोष दूर
घर में गाय के गोबर से बनी गणेश जी की प्रतिमा रखना काफी शुभ माना जाता है। इसके अलावा घर में क्रिस्टल के गणेश जी रखने से वास्तु दोष खत्म दूर हो जाते हैं। घर में हल्दी से बने गणेश रखने से भाग्य में वृद्धि होती है। गणेश जी की प्रतिमा घर के उत्तरी पूर्वी कोने में रखनी चाहिए है। ये दिशा पूजा-पाठ के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है। इसके अलावा गणेश जी की प्रतिमा को घर के पूर्व या पश्चिम दिशा में भी रखा जा सकता है।
घर में गणेश जी की प्रतिमा विराजित करने के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान के दोनों पैर जमीन को स्पर्श कर रहे हों। हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार इससे सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। घर में गणेश जी की प्रतिमा को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए। यह अनिष्टकारी होता है।
घर में रखे बैठे हुए गणेश जी की प्रतिमा
घर में बैठे हुए गणेश जी की प्रतिमा रखना उत्तम माना जाता है। माना जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है। घर में गणेश जी की ऐसी प्रतिमा ही लगाई जानी चाहिए, जिसमें गणेश जी की सूंड बायीं तरफ झुकी हुई हो। पूजा घर में सिर्फ एक ही गणेश रखनी चाहिए। जब भी गणेश जी मूर्ति लें तो उसमें उनका वाहन चूहा और मोदक जरूर बना हो। इसके बिना गणेश प्रतिमा अधूरी मानी जाती है।
कभी भी गणेश जी की प्रतिमा ऐसी जगह न रखें जहां अंधेरा रहता हो या उसके आस-पास गंदगी रहती हो। सीढिय़ों के नीचे भी गणेश जी की प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए। भगवान गणेश को प्रसन्न रखने के लिए इन्हें मोदक का भोग अवश्य लगाना चाहिए। मोदक गणेश जी का प्रिय मिष्ठान है।