लखनऊ। भारत में धर्म के नाम पर बड़ा कारोबार फल-फूल रहा है। देश में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो धर्म के नाम की गंगा से मोती चुग रहे हैं और मजे कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों में कई ऐसे बाबा पकड़े भी गए हैं, जो अब सलाखों के पीछे हैं। इन दिनों एक बाबा काफी सुर्खियों में हैं, जिनका नाम है करौली बाबा। कानपुर में मारपीट के आरोपी करौली बाबा के नाम से प्रसिद्ध डॉ. संतोष भदौरिया ने महज तीन साल में ही करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। उत्तर प्रदेश के बिधनू में बने 14 एकड़ के आश्रम में बाबा ऐशो-आराम से रहता है। करोड़ों की इस संपत्ति पर अब ईडी की नजर भी है। वहीं इस मामले में पुलिस की ओर से एसआईटी गठित की जा रही है। करौली बाबा किसी वीआईपी से कम नहीं है। बाबा जिस रास्ते से निकलते है, वहां पहले हथियार बंद गार्ड रास्ता खाली कराते हैं, फिर बाबा निकलते हैं। संतोष भदौरिया ने करोड़ों के चंदे और आश्रम का मैनेजमेंट अपने दोनों बेटों लव और कुश को दे रखा है। बाबा का खुद का सुरक्षा दस्ता है।
तीन रेंज रोवर गाड़ियों का मालिक
बाबा के पास तीन रेंज रोवर गाड़ियां हैं। हथियारबंद 20 गार्ड वाकी टॉकी के साथ चलते हैं, जो रास्ता साफ कराने के लिए लाल झंडी का प्रयोग करते हैं। बाबा का आश्रम करीब 14 एकड़ में है। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बना है। ये जमीन बाबा ने भूदान पट्टा के तहत स्कूल बनाने के लिए ली थी, लेकिन बाबा ने आश्रम खोल लिया। आश्रम चारों तरफ से आठ फीट ऊंची दीवारों से घिरा है। यहां हर दिन तीन से चार हजार लोग आते हैं। अमावस्या वाले दिन यहां भक्तों की संख्या 20 हजार तक पहुंच जाती है। बाबा ने 17 देशों में अपने भक्त बना लिए हैं।
100 रुपए में रजिस्ट्रेशन कराओ, फिर मिलेगा प्रवेश
बिधनू के करौली आश्रम में दो मंदिर हैं। एक करौली सरकार यानी राधा रमण मिश्र का और दूसरा मां कामाख्या का। यहां आने के बाद से ही वसूली का खेल शुरू हो जाता है। आश्रम में आने वाले लोगों को सबसे पहले 100 रुपए में रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। इसके बाद 100 रुपए बंधन का चार्ज लगता है। बंधन यानी कमर पर सफेद धागा बांध दिया जाता है। इसे हर तीन महीने में रिन्यू भी कराना होता है। इसके बाद 100-100 रुपए की दो अर्जियां दोनों दरबार के लिए लगती हैं। साथ ही उन्हें 8वें और 9वें दिन के हवन में शामिल होना होता है। इसके लिए करीब 6200 रुपए लगते हैं। यानी यहां आने वाले हर शख्स को कम से कम 6600 रुपए तो खर्च करने ही होंगे।
हवन कराने में भी कटेगी जेब
अगर कोई यहां हवन करना चाहता है तो आश्रम की तरफ से 3500 रुपए की एक हवन किट दी जाती है। लोगों को कम से कम 9 हवन करने ही होंगे, जिसका खर्च 31,500 रुपए आएगा। अगर आप 9 दिनों तक आश्रम में रुकते हैं और खाना-पीना करते हैं तो उसका खर्च अलग से देना पड़ेगा। जो लोग 9 दिन हवन नहीं कर सकते या जिन्हें जल्दी इलाज चाहिए, उनके लिए एक दिन का खर्च 1.51 लाख रुपए है। उधर, मारपीट की रिपोर्ट के मामले में बाबा ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज कराई गई रिपोर्ट का उद्देश्य सनातन धर्म को बदनाम करना है। एफआईआर बगैर जांच किसी के दबाव में लिखी गई है। मेरे किसी भी व्यक्ति की ओर से मारपीट नहीं की गई है। आश्रम के 22 वर्ष के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है।