प्रदेश के पहले कार्डियो थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी विभाग के लिए 20 करोड़ मंजूर
जयपुर। बच्चों में दिल से जुड़ी विभिन्न बीमारियों का इलाज अब जल्द ही जयपुर के JK Lawn हॉस्पिटल में हो सकेगा। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने JK Lawn हॉस्पिटल में कार्डियो थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी विभाग शुरू करने के लिए 20 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। JK Lawn हॉस्पिटल में इस विभाग के खुलने से बच्चों में जन्मजात विकृति दिल में छेद, वॉल्व और नसों में गड़बड़ी के साथ जन्म लेने वाले बच्चों का इलाज हो सकेगा। जयपुर के JK Lawn हॉस्पिटल में सरकारी स्तर पर प्रदेश का पहला कार्डियो थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी विभाग होगा। इसके लिए JK Lawn हॉस्पिटल में इमरजेंसी और आईसीयू के ऊपर जगह चिन्हित की गई है। JK Lawn हॉस्पिटल में इस विभाग के तहत एक ही छत के नीचे ओटी, आईसीयू और वार्ड बनाया बनाया जाएगा।
यह सुविधाएं मिलेंगी मरीजों को
बच्चों के दिल में छेद, ट्रांसमिशन ऑफ ग्रेट आर्टरीज, टेट्रोलोजी ऑफ फेलो, टोटल आर्टीरियल पल्मोनरी वीनस कलेक्शन आदि की सर्जरी हो सकेगी।
यहां एक मॉड्यूलर ओटी बनाया जाएगा, जिसमें संक्रमण होने की संभावनाएं शून्य होंगी।
साथ ही यहां 10 बेड की गहन चिकित्सा इकाई (ICU) का भी निर्माण किया जाएगा।
दिल की विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए यहां 20 बेड का एक वार्ड भी बनाया जाएगा।
इसी के साथ JK Lawn हॉस्पिटल में कार्डियक कैथ लैब, टू-डी ईको और ईसीजी जांच की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
अभी दिल्ली AIIMS सहित एक-दो अस्पतालों में ही यह सुविधा
बच्चों की कार्डियक सर्जरी की सुविधा देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही उपलब्ध है। इनमें दिल्ली के एम्स सहित दो-चार अस्पताल ही और ही हैं। ऐसे में बच्चों के इलाज के लिए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार 3 हजार में से एक बच्चे में ही दिल से जुड़ी जन्मजात विकृति मिलती है। वहीं दिल में छेद की बीमारी 1000 में से 3 से 5 बच्चों में होती है। चिकित्सकों के अनुसान केवल पांच प्रतिशत यह संभावना रहती है कि इस तरह की विकृति वाले बच्चों में महाधमनी का वॉल्व भी खराब हो जाए। बचपन में ही इस बीमारी का पता चल जाने पर वॉल्व को बदलने की आवश्यकता नहीं होती, केवल वॉल्व को रिपेयर करने से ही मरीज ठीक हो जाता है।