
वेतन और पेंशन को लेकर राजस्थान के सभी आग़ारो सहित सिंधी कैंप बस स्टैंड पर फैडरेशन ने दिया धरना
जयपुर. रोडवेज में कार्यरत भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध श्रम संगठन राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन ने निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच करने और वेतन और पेंशन की मांग को लेकर फैडरेशन ने राजस्थान के सभी आगारों सहित जयपुर सिंधी कैंप बस स्टेंड पर विनोद कुमार गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष फैडरेशन के नेतृत्व में एवम विक्रम सिंह, संभागीय अध्यक्ष की अध्यक्षता में धरना एवम् प्रदर्शन किय।
प्रदेश महामंत्री सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि वर्तमान में रोडवेज में किये गये स्थानान्तरणों में स्थानान्तरण उद्योग के पनपने से भ्रष्टाचार एवं अनियिमतताओं का नंगा खेल उजागर हुआ है। हाल ही में 101 परिचालकों के स्थानान्तरण में 63 परिचालकों का स्थानान्तरण स्वयं के प्रार्थना पत्र पर एवं 38 परिचालकों का स्थानान्तरण प्रशासनिक आधार पर किये गये है। जबकि निगम में सैकड़ों परिचालकों ने स्वयं के स्थानान्तरण हेतु प्रार्थना पत्र निगम प्रबंधन को दिये है। उनमें से 63 परिचालकों का स्थानान्तरण में चयन का आधार एवं मापदण्ड क्या रहा इसमें भी प्रश्न चिह्न लगा हुआ है। साथ ही 38 परिचालकों का स्थानान्तरण प्रशासनिक आधार पर किये गये है यदि शिकायत पर प्रशासनिक स्थानान्तरण किये गये है तो उसमें से कुछ परिचालकों का स्थानान्तरण निरस्त करना तथा कुछ को पदस्थापित आगार पर कार्यमुक्त करना तथा कुछ को कार्यमुक्त नहीं करना सीधा ही निगम प्रबंधन की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न लगाने के साथ ही भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है। तथा उनमें से परिस्थितिवश ज्योइनिंग नहीं करने पर तीन परिचालकों को निलम्बित करना
निगम प्रबंधन की निगमकर्मियों में भय का वातावरण पैदा कर आतंक फैलाने की मानसिकता मात्र है।
वरुण तिवाड़ी ,प्रभारी फैडरेशन ने हाल ही में निगम में ली गयी 398 अनुबंधित वाहनों के अनुबंध के विषय पर निगम प्रबंधन पर खुलकर भ्रष्टाचार करने की बात करते हुए कहा कि पूर्व में ब्लू लाईन बसों के अनुबंध की दर लगभग 7.11 रूपये प्रति किलोमीटर थी । उसकों नये टेण्डर में 14.28 रूपये प्रति किलोमीटर से अनुबंध करने से 5 वर्ष में रोडवेज को लगभग 200 करोड़ रूपये का चूना लगना स्वाभाविक है। आरटीपीपी एक्ट 2013 के प्रावधानों के विरूद्ध किये गये टेण्डर में भ्रष्टाचार का खेल उजागर हुआ है जिसकी भी उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है।
भारतीय परिवहन मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री महेश चतुर्वेदी ने निगम प्रबंधन पर कुप्रबंधन का यह आरोप लगाया है कि निगम में लेखा सेवा के कर्मचारियों की कमी है तथा कई आगारों में पुरानी पेंशन योजना सेवानिवृत कर्मचारियों के भुगतान संबंधी कार्य एवं भुगतान रूके हुऐ है और निगम प्रबंधन ने अपने कुछ चहेते लेखा सेवा के कर्मचारियों को मुख्य प्रबंधक की सीट पर लगा रखा है और दूसरी ओर जो फील्ड में कार्य करने वाले अधिकारी है जिनमें संभाग प्रबंधक, सहायक संभाग प्रबंधक, आगार प्रबंधक, संभाग यांत्रिक अभियंता, सहायक संभाग यांत्रिक अभियंता को फील्ड के स्थान पर मुख्यालय में बाबू की तरह एवं जांच कार्यवाही में लगा रखा है। फैडरेशन के सह प्रभारी एवं भामसं के कोषाध्यक्ष मक्खन लाल कांडा ने निगम के इतिहास में प्रथम बार मुख्य प्रबंधक जैसी प्रशासनिक सीट पर स्वयं के प्रार्थना पत्र पर मुख्य प्रबंधक लगाना भी निगम प्रबंधन की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न लगाता है। साथ ही प्रश्न यह भी है कि स्वयं के प्रार्थना पत्र पर लगाये गये मुख्य प्रबंधकों से क्या शीर्ष प्रबंधन ने आगार का निर्धारित आय लक्ष्य देने का बॉण्ड लिया है। यदि लिया है तो उसे सार्वजनिक तौर पर उजागर करना चाहिए ।
सेवानिवृत महासंघ के महामंत्री श्री मुरारी लाल शर्मा ने कहा कि पिछले 1 वर्ष से सेवानिवृति हुए कर्मचारियों का भुगतान लंबित है साथ ही कर्मचारियों द्वारा किए गए अधिश्रम के डिपो स्तर पर सत्यापन के पश्चात भी मुख्यालय द्वारा कटौती करना अनुचित एवम नियम विरुद्ध है । साथ ही निगम प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए मांग की कि निगम प्रबंधन द्वारा राज्य सरकार के अनुरूप ही कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देना चाहिए।
प्रदेश सयुक्त महामंत्री प्रकाश शर्मा ने कहा कि वर्तमान निगम प्रबंधन ने कतिपय संगठन के सयुक्त मोर्चे से किए गए समझौते को छलावा बताते हुए कहा कि यह सिर्फ कर्मचारियों और जनता को गुमराह करने वाला है ,राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा में निगम की वाहनों के खरीदने के स्थान पर सर्विस मॉडल पर लेने की घोषणा की गई उसी को समझौते मे सहमति व्यक्त करना समझ से परे है । निगम प्रबंधन ने सर्विस मॉडल को अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि यह बसे अनुबंधित होगी या निगम की यह भी स्पष्ट नहीं किया गया रोडवेज कर्मचारियों को वेतन समय पर देने में राज्य सरकार और निगम प्रबंधन फेल्योर साबित हुए है व्याप्त उपरोक्त भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की प्रमुख मांग सहित रोडवेज कर्मचारियों की 11 सूत्रीय मांग पत्र के समाधान हेतु धरना के पश्चात श्री विनोद गुप्ता ,प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने माननीय मुख्य मंत्री महोदय के नाम जिला कलैक्टर जयपुर एवम् माननीय अध्यक्ष रोडवेज,एवम प्रबंध निदेशक महोदय के नाम मुख्य प्रबंधक को ज्ञापन देकर सकारात्मक कार्यवाही करने के लिए निवेदन किया। साथ ही सकारात्मक समाधान नहीं होने की स्थिति में फैडरेशन ने निम्नानुसार आंदोलन करने का निश्चय किया ।
▪️. दिनांक 27 सितम्बर से 05 अक्टूबर तक मुख्यालय पर धरना ।
▪️. दिनांक 06 अक्टूबर को सिन्धी कैम्प से मुख्यालय तक विशाल रैली निकाल कर प्रदर्शन किया जायेगा ।
▪️. उपरोक्त आन्दोलनात्मक कार्यक्रम के पश्चात् भी रोडवेज कर्मचारियों की समस्याओं का सकारात्मक समाधान नही होने की स्थिति में राज्य सरकार कि निगम को लेकर अनदेखी एवं निगम शीर्ष प्रबंधन के कुप्रबंधन को लेकर रोडवेज का ब्लेक पेपर जारी किया जाकर जनता के बीच में अपील भी जारी की जावेगी।
राजस्थान सभी आगारों में धरना, प्रदर्शन कर ज्ञापन दिए गए। जयपुर संभाग के सिंधी कैंप पर दिए गए धरने में जयपुर स्थित सभी आगारों के पदाधिकारियों सहित लगभग 150 कर्मचारियों ने भाग लिया।