जर्मन भाषा से बना सकते है इंटरनेशनल करिअर

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ई लैंग्वेज स्टूडियो और जर्मन स्पीकर्स क्लब की एल्युमिनाई मीट में मिली जानकारी


जयपुर.
जर्मन भाषा की नॉलेज हो तो शानदार पैकेज और करियर विद इंटरनेशनल डाइमेंशन के साथ प्राप्त कर सकते है। ई लैंगवेज स्टूडियों और जर्मन स्पीकर्स क्लब की एल्युमिनाई मीट में यह बात उभर कर सामने आई।
ई लैंग्वेज स्टूडियो और जर्मन स्पीकर्स क्लब की ओर से 11 वर्ष पूरे होने पर एल्युमिनाई मीट आयोजित की गई। इस ऑनलाइन मीट में 126 युवाओं ने भाग लिया। भारत, जर्मनी, आस्ट्रिया, स्विटजरलैंड आदि देशों में कार्यरत युवाओं ने जर्मन सीखने के बाद जीवन में बदलाव और अपने अनुभव साझा किए। कई पूर्व छात्रों ने ई लैंग्वेज स्टूडियो से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया और जर्मन भाषा सीख रहे नए युवाओं को रोजगार के लिए यूरोप और भारत में उपलब्ध अवसरों की जानकारी दी।
टाटा कंसलटेंसी जर्मनी में काम करने वाले सुरेंद्र कुमार ने बताया कि अमेरिका के बाद अब यूरोप में झंडे गाडऩे वाली इस कंपनी ने जबरदस्त साख बनाई है। इस समय जर्मनी में जर्मन जानने वाले आईटी विशेषज्ञों की जरूरत है। अकेली टीसीएस कंपनी को ही 1500 युवाओं की आवश्यकता है। उनको पैकेज भी अच्छा दिया जा रहा है। यूरोप में 60 हजार यूरो का सालाना पैकेज मिलना बड़ी बात नहीं है। देश के जाने माने जर्मन लैंग्वेज के एक्सपर्ट प्रोफेसर जे वी डी मूर्ती ने ई लैंग्वेज स्टूडियो के टॉप कोर्सेज बीटू, सीवन की भी जानकारी दी कि प्रैक्टिकल कारण हैं जिससे जर्मन जानने वालों की लगातार मांग बढ़ रही है। जर्मनी की अर्थव्यवस्था के मजबूत होने और लगातार तरक्की करने के कारण जर्मन कंपनियां युवाओं की लगातार भर्ती कर रही है। जमाने की नब्ज को पहचान कर स्वयं को इंटरनेशनल डाइमेंशन दें भाषा दक्षता बढ़ाएं और फायदा उठाएं।
ई लैंग्वेज स्टूडियो के निदेशक देवकरण सैनी ने बताया कि वर्ष 2010 से युवाओं को जर्मन भाषा में प्रशिक्षित करना शुरू किया गया था जो अब तक 2000 युवाओं तक पहुंच गया है। इनमे से दर्जनों युवा यूरोप में सेटल हो चुके है बहुत से बड़ी कंपनियों में कार्य कर रहे है। कुछ ने जर्मनी में अपने व्यवसाय भी शुरू किए हैं। कम समय में करियर में पंख लगाने वाली अपनी पहचान के ही कारण जर्मन भाषा भारत में युवाओं की पहली पसंद बन गई है। जर्मन भाषा में प्रशिक्षित युवाओं की बड़ी मांग बनी हुई है। ई लैंग्वेज स्टूडियो-जर्मन स्पीकर्स क्लब इस तरह के एक मात्र संस्थान हैं जो रोजाना एक घंटे का फ्री ओपन ग्रुप डिस्कसन चलाता है जिससे देश विदेश में बैठे भारतीय ही नही विदेशी लोग भी फायदा उठा रहे हैं। यही नहीं भारत में जर्मन भाषा का अखबार भी प्रकाशित करता है। संस्थान इस प्रकार के कार्यक्रम आगे भी जारी रखेगा ताकि युवाओं को प्रेरित किया जा सके।

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