Indian Army तीनों सेनाओं में सवा लाख से अधिक जवानों की कमी

Spread the love

नई दिल्ली। भारत की तीनों सेनाएं इन दिनों जवानों की कमी से जूझ रही हैं। तीनों रक्षा सेवाओं में 1,35,784 कर्मियों की कमी है। इनमें भी सर्वाधिक 1,16,464 रिक्तियां थलसेना में हैं।

हर साल सिर्फ 71 हजार भर्तियां

राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा है कि थल सेना, नौसेना और वायु सेना में औसत वार्षिक भर्ती क्रमशः 60,000, 5,332 और 5,723 सैन्यकर्मियों की होती है। मंत्री ने इस एक सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या इस औसत भर्ती का आंकड़ा ‘अग्निवीर’ की प्रस्तावित वार्षिक भर्ती की संख्या से अधिक है और यदि हां, तो सशस्त्र बलों में सैनिकों की कमी को कैसे पूरा किया जाएगा। इस पर भट्ट ने सिर्फ इतना कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।

दो साल में नहीं की एक भी सैनिक की भर्ती

यह पूछे जाने पर कि क्या यह सच है कि भारतीय सेना ने पिछले दो वर्षों में किसी भी व्यक्ति की भर्ती नहीं की है, उन्होंने इस प्रश्न का उत्तर नहीं में दिया। अधिकारी और गैर-अधिकारी दोनों रैंक के कर्मियों सहित सभी तीनों सशस्त्र बलों में सैनिकों की कुल कमी पर, भट्ट ने कहा कि एक जनवरी को अधिकृत शक्ति के मुकाबले सेना में 1,16,464 सैनिकों की कमी थी।

नौसेना व वायुसेना में 20 हजार जवान कम

उन्होंने कहा कि 31 मई को नौसेना में अधिकृत संख्या के मुकाबले 13,597 सैनिकों की कमी थी, जबकि भारतीय वायु सेना में एक जुलाई को 5,723 सैनिकों की कमी थी। तीनों सेवाओं ने ‘अग्निपथ’ योजना के तहत भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 14 जून को घोषित इस योजना में साढ़े 17 और 21 वर्ष की आयु के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है और उनमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है। वर्ष 2022 के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है।

इस साल भर्ती होंगे 46 हजार अग्निवीर

इस योजना के तहत तीनों सेनाएं इस साल 46,000 सैनिकों की भर्ती करने की योजना बना रही हैं। नई योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। ‘अग्निपथ’ योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्य कर्मियों की औसत आयु को कम करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *