बढ़ेगी भारतीय सेना की युद्धक क्षमता
जयपुर.
इस महिने वायु सेना को पहला लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) सौंपने की तैयारी है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से भारतीय सेना को 126 और भारतीय वायु सेना को 61 एलयूएच मिलने हैं। एचएल से एलयूएच की आपूर्ति शुरू होने के साथ ही भारत के जंगी बेडे से 60 साल पुराने चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों को रिटायर करके स्वदेशी हेलीकॉप्टर को शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है।
आर्मी एविएशन ने चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों के पुराने बेड़े की विदाई करके अपनी युद्धक शक्ति बढ़ाने की तैयारी तेज कर दी है। सेना के हवाई बेडे में स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और अमेरिकी अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई है जिसे 2024 तक पूरा किया जाना है। मौजूदा समय में सेना के पास 190 चीता और लगभग 134 चेतक हेलीकॉप्टर हैं जिनमें 70 प्रतिशत से अधिक 30 वर्ष से ज्यादा पुराने हैं।
सेना ने 1 जून को बेंगलुरु में स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर की पहली स्क्वाड्रन विकसित की है जो एक साल बाद पूर्वी कमान में चली जाएगी। कुल मिलाकर ऐसी सात एलसीएच स्क्वाड्रन बनाने की योजना है जिनमें से प्रत्येक स्क्वाड्रन में पहाड़ी इलाकों में लड़ाकू भूमिकाओं के लिए 10 हेलीकॉप्टर होंगे। आर्मी एविएशन ने अब अपनी युद्धक शक्ति को बढ़ाने की तैयारी तेज कर दी है। आर्मी एविएशन कॉप्र्स 2024 से स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और अमेरिकी अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों को शामिल करने की प्रक्रिया में है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड वायुसेना को अगस्त में पहला लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर सौंप देगा और बाकी स्वदेशी हल्के हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति 2023 तक होगी। एचएएल से कु़ल 187 हेलीकॉप्टर खरीदने की योजना बनाई गई है जिनमें से 126 भारतीय सेना के लिए और 61 भारतीय वायु सेना के लिए हैं। रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 2 नवंबर 2021 को एलयूएच के 12 लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलएसपी) संस्करण की खरीद को मंजूरी दी थी। इसमें छह-छह हेलीकॉप्टर सेना और वायुसेना को मिलेंगे।
दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई क्षेत्र में भी उड़ान भरने में सक्षम
एलयूएच ने परीक्षण के दौरान लेह से उड़ान भरकर 5000 मीटर की ऊंचाई पर दौलत बेग ओल्डी के एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड पर उतरने का प्रदर्शन किया है। इसके बाद एक अन्य अग्रिम हेलीपैड पर 5500 मीटर की ऊंचाई पर 27 डिग्री सेल्सियस तापमान में इसका प्रदर्शन किया गया। इस दौरान सियाचिन ग्लेशियर में अति ऊंचाई वाले हेलीपैड पर पायलेट्स ने उतारकर पेलोड क्षमता जांची। इससे पहले हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने खुद पिछले साल 24 अगस्त से दो सितम्बर के बीच वायुसेना और थलसेना की निगरानी में दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई क्षेत्र दौलत बेग ओल्डी में इनका परीक्षण किया था।