
जयपुर। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। विश्व शांति एवं एकजुटता संगठन ने भी इस बंद का समर्थन किया है।
संगठन के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड रमेश शर्मा ने बताया कि किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे 40 से अधिक किसान यूनियनों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने 3 कृषि कानूनों के विरोध में 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भारत बंद किसान विरोधी मोदी सरकार के खिलाफ किया जा रहा है। गौरतलब है कि किसान संगठनों के नए किसान कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अब करीब 10 महीने पूरे हो चुके हैं।
भारत बंद सोमवार सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा और इस दौरान सरकारी और निजी कार्यालय, शैक्षणिक और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और कमर्शियल प्रतिष्ठान के साथ-साथ सार्वजनिक कार्यक्रम बंद रहेंगे। साथ ही अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत और बचाव कार्य सहित आपातकालीन सेवाओं को छूट दी जाएगी।
किसानों का दावा है कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले कई ट्रांसपोर्ट यूनियन, कर्मचारी यूनियन सहित महिला और युवाओं के हितों के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं के भारत बंद पर सहमति बन चुकी है। हरियाणा कर्मचारी संघ, अखिल भारतीय युवा मंच, अखिल भारतीय नाबार्ड कर्मचारी संघ जैसी कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं भारत बंद का समर्थन कर रही हैं।
गौरतलब है कि बीते साल 26 नवंबर से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ किसान संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन किसान संगठनों से जुड़े किसान नेताओं की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और उन्हें फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी दी जाए।