टियर द्वितीय शहरों में बढ़ी संभावनाएं

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सीए संस्थान की नेशनल कांफ्रेंस संपन्न


मदनगंज-किशनगढ़.
द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की हुई अखिल भारतीय नेशनल कॉन्फे्रंस सफलता पूर्वक संपन्न हुई। सीए निहार जंबूसरिया ने कहा सीए के लिए टियर द्वितीय शहरों में व्यापक और व्यावसायिक अवसर है।
देश के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को विभिन्न नवीनतम विषयों पर जानकारी मिली। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय नेशनल कॉन्फे्रंस 2022 की शुरुआत शुक्रवार शाम 4 बजे ऑनलाइन आईसीआई टीवी के माध्यम से की गई जो कि रविवार शाम 8 बजे सफलतापूर्वक समाप्त हुई ।
किशनगढ़ शाखा के चेयरमैन सीए मोहित जैन ने बताया कि इस प्रोग्राम में आईसीआई के 3 पास्ट प्रेसिडेंट अतिथि के रूप में शामिल हुए। सीए मोहित जैन ने सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत उद्बोधन किया। इस कांफे्रंस का मुख्य उद्देश्य देशभर के सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को विभिन्न नवीनतम विषय पर जानकारी व चर्चा करना है इस कॉन्फे्रंस में बड़ी संख्या में सीए सदस्यों ने एकजुट होकर भाग लिया ।
तीसरे और आखिरी दिन के पहले सेशन में सीए प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता में दिल्ली से सीए गिरीश आहूजा ने व्यावसायिक अवसर एचयूएफ योजना और उत्तराधिकार में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। दूसरे सेशन में प्रेसिडेंट सीए निहार एन जंबूसरिया एवं सीए अतुल कुमार गुप्ता, सीए उत्तम पि. अग्रवाल पास्ट प्रेसिडेंट ऑफ आईसीएआई ने टियर द्वितीय शहरों में व्यावसायिक अवसर के बारे में बताया। भारत में टियर 2 शहर दो कारणों से रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं घर से काम करना और रहने की कम लागत। रिमोट वर्किंग विकल्प ने एक नई जीवनशैली खोल दी है जहां लोग कहीं से भी काम कर सकते हैं। कई बड़े शहरों की हलचल को चुनने के बजाय छोटे शहरों और टियर 2 शहरों को चुन रहे हैं। यह मुंबई या कोलकाता जैसे टियर 1 शहरों के कंक्रीट के जंगल से एक ताजा ब्रेक है।
इसके अलावा टियर 2 शहरों में रहने की लागत कम है। कुछ आय बचाने के इच्छुक लोगों के लिए यह एक आकर्षक अवसर है खासकर महामारी के बीच। टियर 2 शहर भी रियल एस्टेट निवेश के लिए एक अवसर बनते जा रहे हैं क्योंकि टियर 1 शहरों की रियल एस्टेट दरें आसमान छू रही हैं और अधिकांश के लिए वहन करने योग्य नहीं हैं। इसलिए अधिक निवेशक टियर 2 अचल संपत्ति की तलाश कर रहे हैं।
इसके साथ ही तीसरे सेशन में सीए आकाश बर्गोटी, सीए शरद जैन की अध्यक्षता में प्रभु ऋषि कुमारा दास जी दिल्ली इस्कॉन के उपाध्यक्ष ने स्वोट एनालिसिस ऑफ प्रोफेशन स्ट्रेस के बारे में व्याख्यान दिया। आज के दौर में चीजें बहुत जल्दी बदल रही है। इस बदलते दौर में बने रहने के लिए हर 6-12 महीने में हमे स्वोट एनलिसिस करते रहना चहिए ताकि हमारा बिजनेस और स्टार्टअप आगे बढ़ता रहे। स्वोट मुख्य रूप से ताकत, कमजोरियों, अवसरों और चुनौतियों की पहचान करता है। स्वोट एनालिसिस एक रणनितिक योजना है जो बिजनेस और आर्गेनाइजेशन के मार्केटिंग और मैनेजमेंट के लिए काफी उपयोगी है। स्वोट को हम दो हिस्सों में बाँट सकते है एसडबल्यू और ओटी यानि ताकत, कमजोरी और अवसर और खतरे इसके बारे में विस्तार से बताया।
इसके बाद किशनगढ़ शाखा कमेटी ने सभी अतिथियों एवं सभी मेंबर्स का जुडऩे के लिए तथा इस कॉन्फे्रंस को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। किशनगढ़ शाखा के सचिव सीए प्रावीन जैन ने बताया कि इस तरह के आयोजन मेंबर के सहयोग से ही सफलता पूर्वक किए जा सकते हैं तथा आप सभी के सहयोग से इसी तरह के प्रोग्राम भविष्य में भी किशनगढ़ ब्रांच ऑर्गेनाइज करवाते रहेंगे। अखिल भारतीय नेशनल कॉन्फेंस को सफल बनाने के लिए किशनगढ़ शाखा से आरसीएम सीए अंकित सोमानी, सीसीएम और पीडीसी चेयरपर्सन सीए केमिशा सोनी एवं आल आरसीएम और सीसीएम का तहे दिल से धन्यवाद ज्ञापन किया। साथ ही सभी मेम्बर्स जो इस कॉन्फे्रंस में लाइव जुड़े उनको भी धन्यवाद ज्ञापन किया।

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