डायबिटीज है तो छोड़ दीजिए चावल और आलू खाना

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डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसका शुरुआत में पता लगना मुश्किल ही होता है। ऐसे में जब तक व्यक्ति को इस बीमारी का पता लगता है, तब तक शरीर को काफी नुकसान हो चुका होता है। इसलिए इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। ऐसे में व्यक्ति को नियमित तौर पर डायबिटीज की जांच करवाते रहना चाहिए। साथ ही ऐसे शुरुआती लक्षणों के बारे में भी जानकारी रखनी चाहिए, जिससे समय रहते डायबिटीज होने का पता चल सके।
मधुमेह रोगियों को अपने खानपान पर विशेषा ध्यान देना चाहिए, जिससे कि उनके शरीर में शर्करा का स्तर ज्यादा नहीं हो। ऐसे में मरीजों को ऐसी चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए, जिनसे कि शरीर में शुगर लेवल बढ़ता हो। आज हम आपको बता रहे हैं ऐसी सफेद चीजों के बारे में, जिनसे डायबिटीज के रोगियों को दूर रहना चाहिए-

चावल बढ़ाता है शुगर लेवल

मधुमेह रोगियों को ऐसे पदार्थों का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है, जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है। सफेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत अधिक होता है। चावल में काब्र्स भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में इसे खाने के बाद लोगों के ब्लड शुगर लेवल में अचानक वृद्धि हो सकती है, जो कि खतरनाक होती है। इसके अलावा, चावल में फाइबर की कमी होती है, जिससे रक्त में मौजूद ग्लूकोज एब्जॉर्ब नहीं हो पाता है और ब्लड शुगर बढ़ता रहता है।

मैदा से बने पदार्थों का सेवन नहीं करें

मैदा में पोषक तत्वों की कमी होती है। मैदा में विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर बहुत ही कम मात्रा में पाए जाते हैं। मैदा में स्टार्च की मात्रा करीब 74 प्रतिशत होती है, जो कि डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। समोसा और कचौड़ी बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले मैदा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है, इस कारण डायबिटीज रोगियों को मैदा से बने खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है। मैदा से बनने वाले सफेद ब्रेड का सेवन भी डायबिटीज के रोगियों के लिए नुकसानदेह होता है। ऐसे में डायबिटीज के रोगियों को मैदा से बने खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करना चाहिए।

कॉर्न फ्लोर का सेवन भी खतरनाक

कार्न फ्लोर में भी स्टार्च की मात्रा सर्वाधिक होती है। इसके उत्पादन के दौरान मक्का में पाए जाने वाले लगभग सभी पोषक तत्व हटा दिए जाते हैं। सूप और करी को गाढ़ा करने के लिए इस्तेमाल होने वाला ये तत्व अगर ज्यादा मात्रा में खा लिया जाए तो डायबिटीज रोगियों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। यह डायबिटीज के रोगियों में शुगर के लेवल को बढ़ा देता है।

आलू के सेवन से भी बचें

भारत में आलू सर्वाधिक खाया जाता है। यहां आपको हर रसोई में आलू आसानी से मिल जाएगा, लेकिन यही आलू मधुमेह रोगियों के लिए खतरनाक है। आलू में करीब 97 किलो कैलोरी और 22.6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं। इसका जीआई वैल्यू भी ज्यादा होता है। ऐसे में डायबिटीज के रोगियों को इसके सेवन से बचना चाहिए। आलू में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा कम होने से यह ब्लड में शुगर के लेवल को बढ़ाता है। इसी कारण डायबिटीज के रोगियों को आलू का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है।

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