नौकरी के लिए अब नेताओं को घेरेंगे होम्योपैथी चिकित्सक

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भर्ती की मांग को लेकर आंदोलन जारी


जयपुर.
होम्योपैथिक संविदा चिकित्सक अब नेताओं को घेराव करेंगे। यह सभी चिकित्सक भर्ती की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे है। इनके आंदोलन को 115वां दिन हो चुके है। प्रताप नगर के होम्योपैथिक निदेशालय पर लगातार आंदोलन कर रहे चिकित्सकों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब जनप्रतिनिधियों को घेरने की तैयारी की हैं। राजस्थान संविदा होम्योपैथिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेश ने कहा कि अब सरकार के विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों तक पहुंचकर हम अपनी मांग रख रहे है। जिसमे शुक्रवार को संविदा चिकित्सकों के संगठन ने पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह से अलवर में मुलाकात कर जल्द भर्ती निकालने के लिए ज्ञापन दिया। जिसमें होम्योपैथी चिकित्सा विभाग द्वारा सृजित किए गए 656 पदों के प्रस्ताव को मंजूर करते हुए 571 संविदा होम्योपैथिक चिकित्सकों को नियमित करने की मांग रखी गई। आंदोलन को करीब चार माह पूरे होने को है लेकिन फिर भी हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं। ऐेसे में वर्षों से संविदा पर अल्प मानदेय पर कार्यरत होम्योपैथिक डॉक्टर्स के साथ शोषण हो रहा है। अब भी अगर भर्ती की मांग को पूरा नहीं किया जाता है तो सभी जनप्रतिनिधियों के जनसुनवाई व पदाधिकारियों के सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाकर उनका घेराव किया जाएगा और मांग रखी जाएगी।
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ. अरविंद ने बताया कि आज प्रदेश में 10000 से ज्यादा रजिस्टर्ड होम्योपैथी चिकित्सक है लेकिन विभाग में मात्र 303 पद स्वीकृत है। जबकि आयुर्वेद विभाग में लगभग इतने ही रजिस्टर चिकित्सक है और उनके 4500 के लगभग रजिस्टर्ड चिकित्सक है। जबकि दूसरे राज्यों में होम्योपैथी के बिहार में 1280, बंगाल में 1541, केरला में 705 और यूपी में 1583 चिकित्सक रजिस्टर्ड है। इसी तरह भारत सरकार में भी लगभग आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक की बराबर पद स्वीकृत हैं लेकिन राजस्थान में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के साथ भेदभाव हो रहा है।

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