भारतीय भाषाओं में हो उच्च शिक्षा

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राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में हिंदी व्याख्यान का आयोजन


जयपुर.
राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय में 14 सितंबर 2021 को हिन्दी दिवस समारोह मनाया गया जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. नन्द किशोर पाण्डेय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में शिक्षा भविष्य की संभावनायें विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि प्रो. पाण्डेय राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर में आचार्य हैं एवं केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा के पूर्व निदेशक रह चुके हैं।
अपने व्याख्यान में प्रो. नन्द किशोर पाण्डेय ने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति निश्चित रूप से भारतीय भाषाओं की प्रतिष्ठा में वृद्धि करेगी। इस नीति में प्रारम्भिक शिक्षा मातृभाषा में प्रदान किए जाने का प्रावधान हैं जिससे आगे की शिक्षा भी अपनी भाषा में प्राप्त करने में सुविधा होगी। उन्होने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में ऐसे पाठ्यक्रमों की जरूरत हैं जो देश की प्रतिष्ठा का द्वार खोल सके और हिन्दी के विद्यार्थी इसका लाभ उठा सकें। प्रो. पाण्डेय ने इंजीनियरिंग तथा चिकित्सा की शिक्षा भी हिन्दी में प्रारम्भ किए जाने पर बल दिया और यह भी कहा कि देश की क्षेत्रीय भाषाओं को अंगीकार किए बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रभारी प्रो. नीरज गुप्ता ने हिन्दी की चर्चा करते हुए कहा कि यदि हिन्दी व क्षेत्रीय भाषा में पाठ्यक्रम किए जाये तो जो उच्च शिक्षा से वंचित लोग हैं वे लाभान्वित होंगे और नई शिक्षा नीति इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होने यह भी साझा किया कि नई शिक्षा नीति के प्रयास देश को और युवा वर्ग को आगे लेकर जाएंगे। कार्यक्रम के आरंभ में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रभारी प्रो. डी सी शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को राजभाषा प्रतिज्ञा दिलाकर हिन्दी में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए विश्वविद्यालय के हिन्दी अधिकारी डॉ. ओम कुमार कर्ण ने बताया कि हिन्दी देश की स्वतन्त्रता के समय से राष्ट्रीय एकता और अस्मिता को संरक्षित करती रही है। अत: इसे समृद्ध करना हमारा नैतिक दायित्व है।

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