युवा वकीलों को 5 हजार रुपए प्रतिमाह देने संबंधी याचिका उच्च न्यायालय ने की खारिज

Spread the love

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने वकालत पेशे से जुडऩे वाले युवा वकीलों की वित्तीय कठिनाइयों पर विचार करने और उन्हें पहले वर्ष में पांच हजार रुपए प्रतिमाह का वजीफा देने के केंद्र सरकार एवं दिल्ली विधिक परिषद को निर्देश देने संबंधी याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

फिर अन्य लोग भी आएंगे राहत मांगने

मुख्य न्यायाधीश सतीशचंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि इसमें कोई दम नहीं है। पीठ ने कहा कि यदि अदालत वकीलों के लिए इस तरह के निर्देश जारी करती है तो बाद में चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य पेशे से जुड़े लोग समान राहत की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

अदालत में उपलब्ध हॉल में बैठने के लिए स्वतंत्र युवा वकील

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता और ऐसे ही अन्य युवा वकीलों का इरादा वकालत पेशा जारी रखने और वरिष्ठ वकीलों के अंदर वकालत पेशा सीखने का है, लेकन उन्हें किसी प्रकार का भुगतान न होने की वजह से अपना कोई भी खर्च कर पाने की स्थिति में नहीं होते हैं। युवा वकीलों को चैम्बर उपलब्ध न होने को लेकर एक बिंदु पर अदालत ने कहा कि सभी युवा वकील अदालत में उपलब्ध हॉल में बैठने के लिए स्वतंत्र हैं और उन्हें ऐसा करने से कोई नहीं रोकेगा। पीठ ने कहा, यदि आपको कोई भी रोकता है तो आप हमारे समक्ष कभी भी आ सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version