देहरादून। केदारनाथ बेस कैंप से नारायण कोटी-गुप्तकाशी के लिए श्रद्धालुओं को लेकर जा रहा एक हेलिकॉप्टर मंगलवार सुबह करीब 11.25 बजे क्रेश हो गया। हादसे में 2 पायलेट समेत सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हादसे का कारण खराब मौसम और घना कोहरा बताया जा रहा है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार घने कोहरे की वजह से हेलिकॉप्टर जमीन से टकरा गया। इसके बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई, जिससे दो पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है।
उड़ान के 15 मिनट बाद ही हो गया हादसा
हेलिकॉप्टर ने करीब 11.25 केदारनाथ बेस कैंप से नारायण कोटी-गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के करीब 15 मिनट बाद ही हेलिकॉप्टर गरुड़चट्टी के पास जमीन से टकराकर क्रैश हो गया। आर्यन एविएशेन का यह हेलिकॉप्टर बेल कंपनी का है। इस Bell 407 में पायलट समेत अधिकतम 6 लोग सवार हो सकते हैं। इस हेलिकॉप्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर VT SVK था।
मृतक गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के
हेलिकॉप्टर क्रेश होने से उसमें सवार पूर्वा रामानुज, कृति ब्राड, उर्वी, सुजाता, प्रेम कुमार, कला, और पायलट अनिल सिंह। इनमें से पूर्वा, कृति, उर्वी गुजरात के हैं, पायलट अनिल महाराष्ट्र के हैं। बाकी तीन तमिलनाडु के हैं।
पुलिस व SDRF मौके पर
केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में हेलिकॉप्टर का दुर्घटनाग्रस्त होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम राज्य सरकार से संपर्क बनाए हुए हैं और हादसे में नुकसान का आकलन कर रहे हैं। पुलिस के साथ SDRF की टीम मौके पर पहुंची है।
वर्ष 2013 में हेलिकॉप्टर क्रेश में मारे गए थे 20 जवान
इससे पहले 25 जून, 2013 को केदारनाथ में सबसे बड़ा हेलिकॉप्टर हादसा हुआ था। उसी साल यहां अतिवृष्टि व बाढ़ आई थी, जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई थी। यहां बाढ़ में फंसे लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सेना का एक MI-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। इसमें पायलट, कोपायलट समेत 20 जवान शहीद हुए थे।