सेमीकंडक्टर की कमी दूर करने के लिए सरकार की तैयारी

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ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रोनिक्स आदि क्षेत्रों में कमी से बनी हुई है परेशानी
आत्मनिर्भरता मिशन के अंतर्गत होंगे कई कार्य


जयपुर.
इस समय भारत सहित दुनिया भर में सेमीकंडक्टर की कमी बनी हुई है। भारत भी सेमीकंडक्टर के लिए चीन सहित विदेशों पर निर्भर है। इसका उपयोग ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रोनिक्स आदि क्षेत्रों में किया जाता है।
आत्मनिर्भर अभियान के अंतर्गत इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन ने भारत में निर्मित और डिजाइन किए गए 5 जी नैरोबैंड-आईओटी- कोआला चिप के बड़े पैमाने पर उत्पादन को सक्षम करने के लिए साइएंट विसिग नेटवक्र्स और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी हैदराबाद के बीच एक समझौता ज्ञापन की घोषणा की है।
भारत में मुख्यालय वाली एक प्रमुख वैश्विक ई-आरएंडडी और प्रौद्योगिकी समाधान कंपनी साइएंट ने भारत में निर्मित तथा डिजाइन की गई कोआला-एनबी आईओटी-एसओसी (नैरोबैंड. आईओटी सिस्टम.ऑन.चिप) के बड़े पैमाने पर उत्पादन को सक्षम करने के लिए आईआईटी हैदराबाद में एक स्टार्टअप वाईसिग नेटवर्क के साथ भागीदारी की है। 5 जी एनबी-आईओटी एक तेजी से बढऩे वाली तकनीक है जो कम बिट दर वाले आईओटी अनुप्रयोगों को सक्षम बनाती है और डिवाइस की बैटरी लाइफ को 10 साल तक बढ़ाती है। इस चिप का उपयोग स्मार्ट मीटर, एसेट ट्रैकिंग, डिजिटल हेल्थकेयर और कई अन्य अनुप्रयोगों में किया जाएगा।
सिग्नल चिप इनोवेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) के बीच न केवल डिजाइन और निर्माण के लिए बल्कि 10 लाख एकीकृत एनएवीआईसी भारतीय नक्षत्र के साथ नेविगेशन और जीपीएस रिसीवर की तैनाती और रखरखाव के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। सिग्नलचिप एक भारतीय फैबलेस सेमीकंडक्टर कंपनी ने 5जी/4जी नेटवर्क के लिए बेसबैंड मॉडेम और रेडियो फ्रीक्वेंसी आरएफ चिपसेट की अगुम्बे श्रृंखला विकसित की है जिसमें एनएवीआईसी सहित वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणालियों के लिए एकीकृत समर्थन है।
ये बहु-मानक चिपसेट कम लागत वाली इनडोर छोटी कोशिकाओं से लेकर उच्च प्रदर्शन बेस स्टेशनों तक कई प्रकार के फॉर्म फैक्टर के लिए बेस स्टेशन चिपसेट के रूप में काम कर सकती हैं। इन्हें कम लागत और कम बिजली प्रणालियों के लिए उपयुक्त होने के लिए डिजाइन किया गया है। ये पहले से ही कई नेटवर्क सुविधाओं को सक्षम करने के लिए एनएवीआईसी सहित उपग्रह नेविगेशन प्रणाली का उपयोग करके स्थिति का समर्थन करते हैं। सिग्नलचिप ने इन चिपसेट में लगभग सभी आईपी को स्वदेशी रूप से निवेश और विकसित किया है। इन चिपसेट के लिए बनाए गए आईपी का लाभ उठाने से सिग्नलचिप को विशेष रूप से नेविगेशन सिस्टम के लिए अनुकूलित चिपसेट बनाने में मदद मिलती है। विकसित किया जाने वाला एनएवीआईसी चिपसेट मोबाइल फोन बिल्ट.इन नेविगेशन वाले वाहन जैसे इलेक्ट्रिक वाहन और ट्रैकिंग डिवाइस जैसी नेविगेशन क्षमताओं की आवश्यकता वाले किसी भी उपकरण में उपयोग किया जा सकता है। इनका उपयोग एनबी.आईओटी जैसी अन्य तकनीकों के संयोजन में कम शक्ति वाले आईओटी उपकरणों में भी किया जा सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने घोषणा की कि जॉर्जिया टेक यूनिवर्सिटी यूएसए के प्रो. राव तुम्माला ने भारत सेमीकंडक्टर मिशन की सलाहकार समिति का हिस्सा बनने के लिए सहमति प्रदान की है।
प्रोफेसर राव संयुक्त राज्य अमेरिका में जॉर्जिया टेक विश्वविद्यालय में एक प्रतिष्ठित और संपन्न चेयर प्रोफेसर तथा एमेरिटस निदेशक हैं। उन्हें एक औद्योगिक प्रौद्योगिकीविद्, प्रौद्योगिकी अग्रणी और शिक्षक के रूप में जाना जाता है।
वर्ष 1993 में जॉर्जिया टेक में शामिल होने से पहले वह आईबीएम फेलो और एडवांस्ड पैकेजिंग लैब (एपीटीएल) के निदेशक थे। उन्होंने उद्योग के पहले प्लाज्मा डिस्प्ले जैसी प्रमुख तकनीकों का नेतृत्व किया। वह उद्योग द्वारा सिस्टम-ऑन-पैकेज (एसओपी) अवधारणा बनाम सिस्टम-ऑन-चिप (एसओसी) के जनक हैं।

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