जयपुर। Rajasthan में पिछलों दिन से जारी बारिश का दौर फिलहाल तो थम गया है, लेकिन कोटा, बारां, झालावाड़ जिलों में जल भराव से हालात बदतर बने हुए हैं। वहीं कई बांधों के गेट खोलने से चंबल में पानी की आवक बढ़ गई है। इससे करौली, सवाई माधोपुर व धोलपुर जिलों में हालात खराब होने लगे हैं। इन जिलों में भी प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कई जगहों पर सम्पर्क कट जाने और लोगों के फंसे होने से सरकार सेना और वायु सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं नागरिक सुरक्षा की टीमों की मदद से लगातार रेस्क्यू कर रही है।
कम हुई पानी आवक
बारां जिले के तहसील छबड़ा के खुरई ग्राम क्षेत्र से 13 व्यक्तियों को एयरलिफ्ट किया गया है। हालांकि हाड़ौती अंचल में बुधवार को भारी बारिश का दौर थम गया। नदियों का पानी उतर गया। इससे लोगों को राहत मिली। मध्यप्रदेश से पानी की आवक कम होने से कोटा बैराज के 5 गेट बंद कर दिए गए। कोटा बैराज से बुधवार शाम तक 13 गेटों से 2.38 लाख क्यूसेक पानी की निकासी जारी रही।
राज्य सरकार ने अतिवृष्टि प्रभावित इलाकों में नुकसान के आकलन के निर्देश दिए है। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रभारी मंत्रियों को बाढ़ प्रभावित जिलों में जाने को कहा है। मध्य प्रदेश और राज्य में भारी वर्षा होने के कारण चम्बल, कालीसिंध, परवन, पार्वती व मैज नदियों एवं राणाप्रताप सागर, कालीसिंध, कोटा बैराज, जवाहर सागर, पार्वती डेम एवं गुढ़ा डेम बांधों में अत्यधिक पानी की आवक से अधिकतर बांधों के गेट खोलने के कारण राज्य के कोटा, बूंदी, बारां, करौली, सवाई माधोपुर, झालावाड़ एवं धौलपुर जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं।
कई गांव बने टापू, मकान ढहे
कोटा जिले में खातौली कस्बे में नदी किनारे निमोला, नियाणा, धवना, गुडला गांव टापू बने हैं। इन गांवों के करीब 60 से 70 मकान धराशाही हो गए है। बूंदी जिले में चम्बल व मेज नदी में उफान के चलते क्षेत्र के 6 गांवों में पानी भरने के बाद प्रशासन ने सेना को बुलाया है। सुबह सेना के 7 अधिकारियों के साथ 70 जवान लाखेरी पहुंचे। बाढग़्रस्त इलाकों से बुधवार शाम तक 4 हजार 302 व्यक्तियों रेस्क्यू किया है। बाढ़ प्रभावित जिलों में फंसे नागरिकों को एयरलिफ्ट करने के लिए 2 दिनों से कोटा हैलीपेड पर हैलीकॉप्टर की तैनाती भी की है।
सारोला-झालावाड़ मार्ग पर पुलिया बही
हाड़ौती इलाके में सारोला-झालावाड़ मार्ग पर उजाड़ नदी के तेज बहाव के कारण पुलिया पूरी तरह बह गई। जिससे सारोला समेत 65 गांवों का जिला मुख्यालय से पूरी तरह सम्पर्क कट गया। झालावाड़ में 751 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया गया है। जिले में एसडीआरएफ की 3, एनडीआरएफ की एक, सेना बचाव दल एवं नागरिक सुरक्षा की टीमें तैनात है। कोटा में 1286 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया गया हैै, वहीं, धौलपुर में 1460 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया गया है। बारां में 708, बूंदी में 15 व करौली में 82 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया गया।
प्रभावितों को मुआवजा देगी गहलोत सरकार
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि बाढ़ से हुई जनहानि पर राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) से मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने बाढ़ व जलभराव से संपत्तियों और घरों को हुए नुकसान के आकलन के लिए सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए हैं।