Drone के उपयोग से आसान होंगे खेती-किसानी के काम

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जयपुर। कृषि और चिकित्सा के क्षेत्र में आईटी विभाग की ओर से बनाया गया ड्रोन क्रान्ति लाने के लिए तैयार है। इस ड्रोन की मदद से किसान समय और धन की बचत करते हुए खेती-किसानी से जुड़े काम स्मार्ट तरीके से कर पाएंगे। इसके अलावा सेना के जवान भी जटिल जगहों पर मेडिकल सुविधाएं पहुंचा सकेंगे। दरअसल, जवाहर कला केन्द्र में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कौशल बढ़ाने के लिए रविवार से तीन दिवसीय आईटी फेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। यहां आईटी के क्षेत्र में कई नए नवाचार देखे जा रहे हैं, जिनमें यहां रखे दो कैटेगरी के बड़े ड्रोन लोगों में चर्चा एवं उत्सुकता का विषय बने हुए हैं। सामान्य ड्रोन से करीब पांच गुना बड़े दिखने वाले इन ड्रोनों में दस किलो तक सामान उठाने की कैपेसिटी और लम्बे समय तक चलने वाली इनबिल्ट बैटरी है।

800 रुपए में एक एकड़ जमीन पर छिड़काव

जेकेके में प्रदर्शित ड्रोन किसानों के लिए काफी मददगार साबित होगा। इसकी मदद से किसान एक एकड़ जमीन में एक हजार रुपए से भी कम कीमत में फसल पर दवा या रासायनिक पदार्थों का छिड़काव कर सकते हैं। इस ड्रोन की कीमत करीब दस लाख रुपए है और इसे आसानी से किसान किराए पर लिया जा सकता है। इसे ऑपरेट करना भी आसान है। दूसरी तरफ  किसानों को ड्रोन से फसल में रासायनिक पदार्थों के छिड़काव करने का तरीका काफी पसंद आ रहा है, क्योंकि जहां कई मजदूर काफी समय में एक एकड़ जमीन में रासायनिक पदार्थों का छिड़काव करते थे। वहीं इस ड्रोन के उपयोग से यह काम बहुत आसान हो जाएगा।

5 किलोमीटर तक ले जाएगा दस किलो सामान

यहां सैन्य कार्यों में उपयोग के लिए भी एक ड्रोन रखा गया है, जिसकी रेंज 5 किलोमीटर तक है। इसे सैन्य इलाकों में चिकित्सकीय मदद के लिए उपयोग में लिया जा रहा है। इसमें दस किलो तक के वजन को आसानी से रखकर एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सकता है। इस ड्रोन में एक बार डेस्टिनेशन का लोकेशन सेट किया जाता है। इसके बाद उस लोकेशन पर स्वतः ही उतर जाएगा। दुबारा कमांड मिलते ही यह वापस ऑपेरटर के पास आ जाएगा। इसका उपयोग ऐसे जटिल इलाकों में लिया जा रहा है, जहां इमरजेंसी से जुड़े छोटे सामान पहुंचाने में समस्या आती है।

किसान के लिए कमाई का साधन

ड्रोन की कीमत करीब दस लाख रुपए है। अगर गांव में एक किसान भी इसे खरीद लेता है तो वह पूरे गांव के किसानों के लिए यह सुविधा देकर कमाई कर सकता है। ड्रोन पांच यूनिट से भी कम बिजली में चार्ज हो जाता है एवं इसके बैटरी कई घंटे चलती है।

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