आबकारी नीति की सही ढंग से हो पालना

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पूनम अंकुर छाबड़ा ने मुख्य सचिव व वित्त सचिव आबकारी के सामने रखी मांगे


मदनगंज-किशनगढ़.
संपूण शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम अंकुर छाबड़ा ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य व वित्त सचिव आबकारी टी. रविकांत को आबकारी की समस्याओं से अवगत करवाया। इसके साथ ही कार्रवाई की मांग की।
पूनम अंकुर छाबड़ा ने आज सचिवालय में मुख्य सचिव व वित्त सचिव आबकारी से मुलाकात कर आबकारी समस्यओं की जानकारी दी। पूनम अंकुर छाबड़ा के अनशन के दौरान 5-11-2016 को राज्य सरकार के साथ मद्य संयम के समझौते की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए बताना चाहते हैं कि उस समझौते की पालना नही हो रही है तथा प्रदेश में शराब की अवैध बिक्री और आबकारी नीति की भी सही रूप से पालना नहीं हो रही है।
इस संदर्भ में बार बार आबकारी विभाग को सम्पूर्ण विषयों से अवगत करवाया जा रहा है वही गत सप्ताह आबकारी आयुक्त महोदय के साथ बैठक कर के भी सब विषयो को उनके ध्यान में लाया गया। अभी तक विभाग द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही न करना राज्य सरकार की छवि को भी नुकसान पहुँचा रही है। जब तक प्रदेश में पूर्ण रूप से शराबबंदी नही होती तब तक सम्पूर्ण शराबबंदी व सशक्त लोकायुक्त आंदोलन जस्टिस फॉर छाबड़ा संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्षा पूनम अंकुर छाबड़ा ने मद्य संयम व आबकारी नीति की पालना सुनिशित कराने का आग्रह किया है। छाबड़ा ने बताया मुख्य सचिव आर्य सारे मुद्दे सुलझाने का आश्वासन दिया तथा सकारात्मक सहयोग मिला। वित्त सचिव टी. रविकांत ने तुरंत कार्यवाही के लिए निर्देशित किया तथा एक एक बिंदु पर चर्चा की।
जिन मुद्दों को उठाया गया वो निम्न हैं

  1. आबकारी नीति में 10 घंटे शराब की दुकान खोलने का समय है आज 14 घंटे शराब की दुकान खुल रही है जिसको जल्द से जल्द सुलझाया जाना चाहिए।
  2. प्रदेश में खुलेआम समय अवधि के बाद भी शराब बिक्री परवान पर है जिससे आम जन दुखी है और प्रदेश का माहौल खराब हो रहा है इस लिए इन दुकानों पर लाइसेंस निरस्तीकरण की करवाई हो।
  3. देश के ऐतिहासिक चरित्रों के नाम पर कोई भी शराब का नाम ना हो। हमारे विश्व प्रसिद्ध महाराणा प्रताप, हीर राँझा, घूमर, चिरमी, मूमल व ढोला मारू आदि नाम से बिकने वाली शराब के नाम वापस लिए जाएं।
  4. शराब विक्रेताओं द्वारा बड़े-बड़े होर्डिंग बोर्ड लगाकर लोगों को शराब के प्रति आकर्षित किया जा रहा है। जो आबकारी नियमों के विरुद्ध है।
  5. प्रदेश में इस बार मंदिरों व अन्य धार्मिक स्थल के बाहर शराब की दुकानें सबसे ज्यादा आवंटित की गई है इससे पहले ऐसा कभी नही हुआ आपसे आग्रह के साथ निवेदन है कि प्रदेश में हमारे मंदिरों व अन्य धार्मिक स्थल के बाहर स्थापित शराब दुकानों को तुरंत हटाया जाये।
  6. प्रदेश में गोडाउन से शराब की बिक्री जोरों पर है जबकि आबकारी नियमों के अंतर्गत गोडाउन से शराब बिक्री अवैध है।
    आज बडौडागांव, फतेगढ़ जैसलमेर, अनूपगढ़, श्रीगंगनागर आदि में जनता परेशान है इनकी लोकेशन हटाने से जनता की समस्याओं का समाधान होगा।
  7. आबकारी नीति के अनुसार शराब की दुकान का एक ही शटर गेट हो सकता है आज पूरे राजस्थान में एक से अधिक गेट की शराब दुकानों को पास किया गया है जो कि आबकारी नियमों के विरुद्ध है।
  8. आबकारी नियमों के अंतर्गत एक लाइसेंस पर एक ही शराब की दुकान संचालित की जा सकती है मगर पूरे राजस्थान में एक लाइसेंस पर 10 से अधिक अवैध ब्रांचों का संचालन किया जा रहा है शिकायत के बावजूद आबकारी अधिकारी कार्यवाही नहीं कर रहें है।
  9. शराबबंदी आंदोलन के लिए अनशन करते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले हुतात्मा गुरूशरण छाबड़ा को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए।
  10. जब तक प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी नही तब तक शराबबंदी के लिए अनशन करते हुए अपने प्राण त्यागने वाले हुतात्मा गुरूशरण छाबड़ा के बलिदान दिवस को शुष्क दिवस घोषित किया जाना चाहिए।
  11. मेरे पूनम अंकुर छाबड़ा के साथ हुए 5-11-2016 राज्य सरकार के समझौतों के तहत हर माह आबकारी की मीटिंग, हर तीन माह में राज्य स्तरीय हाई पावर कमेटी की मीटिंग, सशक्त लोकायुक्त कमेटी की मीटिंग बिल्कुल नही हो रही हैं व लगातार नशामुक्ति कैम्प आयोजन आदि नही हो रहे है। कृपया इसे पुन: शुरू किया जाये और यह सब विषय आबकारी विभाग के ध्यान में लाया जा चुका है पर विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

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