115 साल की उम्र में भी चश्में की नहीं पड़ी जरूरत

Spread the love
अपने दोहिते व उनकी पत्नी के साथ 115 वर्षीय प्रभो देवी।

दौसा, 21 दिसंबर। बांदीकुई तहसील के बसवा कस्बे के समीप स्थित गांव करणावर की 115 वर्षीय महिला प्रभो देवी का 21 दिसंबर को निधन हो गया। उनके निधन से गांव में शोक छा गया। वो गांव सहित आस-पास के क्षेत्र में सबसे वृद्ध महिला थी।
उनके परिजनों ने बताया कि उनकी जानकारी में नहीं है कि वो कभी बीमार हुई हों। शतायु पार होने के बाद भी उनको कभी चश्में की जरूरत नहीं पड़ी। वो इस उम्र में भी बिना चश्में के आसानी से दूर तक देख लेती थी। उनकी नजर इस उम्र में भी ऐसी थी कि वो उनके यहां आने-जाने वालों को दूर से ही पहचान लेती थी। उनके दोहिते दिनेश शर्मा ने बताया कि नानीजी हमेश हंसमुख रहती थी। उनके पास जाने पर हाल-चाल पूछने के साथ सदा खुश रहने का आशीर्वाद देना वो कभी नहीं भूलती थी। उनकी लंबी उम्र के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वे सदा सादा भोजन लेती थी। उन्हें हरी सब्जियां और चूल्हे की रोटी के साथ दूध, दही और छाछ पसंद थे। वे सदा खुश रहती थी। शायद यही उनके लंबे और स्वस्थ जीवन का राज था। ग्रामीण क्षेत्र में ही उनका अधिकतर जीवन व्यतीत हुआ। इससे उन्हें शुद्ध और ताजा भोजन मिलता रहा, जिससे बीमारियां भी उनसे दूर ही रही। लेकिन आज 115 वर्ष की आयु पूरी कर वो इस दुनिया से विदा हो गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published.