
जयपुर. राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ का प्रतिनिधि मंडल के रूप में अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के
अखिल भारतीय अध्यक्ष मधु सूदन जोशी, महासंघ के प्रदेश महामंत्री विजय सिंह बाघेला, मीडिया प्रभारी यतेन्द्र कुमार, कार्यलय मंत्री अजय सक्सेना व जयपुर डिस्कोम के सँयुक्त महामंत्री रंजीत सिंह इत्यादि प्रमुख शासन सचिव(ऊर्जा) भास्कर सावंत से 29 मई को मिले।
महासंघ(BMS) ने ओपीएस पर वांछित सुधार हेतु स्मरण पत्र सौंप कर मांग की जब 26 नवंबर 1988 को तत्कालीन विद्युत मंडल में सी पी एफ के स्थान पर GPF linked, RSEB employee pension 1988 लागू की गई थी तब भी नियोक्ता द्वारा EPFO को भेजा नियोक्ता व कर्मचारियों दोनों का 1.16% अंशदान, नियोक्ता द्वारा ही वापस लाया गया था और कर्मचारियों से उस पर किसी प्रकार का ब्याज भी नही लिया गया था। तो अब यह दोहरी नीति क्यों। तो अब भी यह अंशदान और उस पर अर्जित ब्याज स्वयं नियोक्ता लावें।
साथ ही राजस्थान सरकार के आदेश के बिंदु सँख्या 1.5 अनुसार नियोक्ता ओपीएस की ईपीएफओ को जानकारी देकर 8.7 द्वारा उल्लेखित स्वयं के द्वारा भेजे गए अंशदान को नियोक्ता द्वारा 30 जून 2023 तक लाना है। वहां से पैसा नहीं आने की दशा में कार्यरत कर्मचारियों को ईपीएफओ से सम्बंधित पैसा जमा करवाना है। मगर निगम प्रशासन द्वारा आदेश जारी होने के एक माह लगभग व्यतीत हो जाने पर भी इस पैसे को वापस माँगने के लिये पत्र तक नही लिखा। यह सम्बंधित अधिकारियों का अत्यंत गैर जिम्मेदाराना कृत्य है। इस पर ऊर्जा सचिव को तुरन्त संज्ञान लेने की मांग की गई।
साथ ही महासंघ द्वारा पिछले दिनों मुख्यमंत्री महोदय को दिए गए पत्रों यथा 1.04.2019 से पूर्व अनुकम्पा नियुक्ति में लिंग भेद समाप्त करने, तकनीक कर्मचारियों का पदनाम परिवर्तन, मंत्रायलिक कर्मचारियों के पद राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश अनुसार सर्जित करने, रिस्ट्रक्चरिंग में Sr. ES. के पद सृजित करने, टाईम बाउंड स्कीम का लाभ नियुक्ति तिथि से 3,12,21 व 30 वर्ष पूर्ण होते ही देने, प्रसारण में सर्विस रिकॉर्ड नियंत्रण अधिकारी के स्थान पर अन्य अधिकारी के पास होने से epfo की राशि गणना की जिम्मेदारी सर्विस रिकार्ड धारक कार्यलय की निर्धारित करने जैसे सभी विषयों पर चर्चा की।
इस पर प्रमुख शासन सचिव( ऊर्जा) ने बताया कि ओपीएस में सरकार को ही कुछ सुधार करने होंगे,तो उन्हें 1988 से सम्बंधित कागजात दिखाए गए तब उन्होंने ईपीएफओ की राशि निगम स्तर से मंगवाने के लिये सम्बंधित अधिकारियों से बात कर प्रकरण को दिखवाने की बात कही, अधिमानता व टाईम बाउंड प्रकरण सचिवालय से कुछ एतराज के साथ वापस आये है जल्द सुचारू जवाब देकर इन विषयों को हल करवाया जावेंगा। मंत्रायलिक के विषयों पर उन्होंने सहमति जताते हुये वित्त सचिव से इस विषय पर सहमति होने की बात कही।
महासंघ ने लगातार सँघर्ष व संवाद के बाद भी प्रकरण हल नही होने पर सरकार के बचे कम समय का हवाला देकर रोष प्रकट किया। ऊर्जा सचिव ने शीघ्र महासंघ से शेड्यूल वार्ता का भी आश्वासन दिया।