जमवारामगढ़, 30 मार्च/ विकास शर्मा। डॉ.अर्चना शर्मा आत्महत्या प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच करवाने एवं दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करवाने के संबंध में विप्र सेना,विधि प्रकोष्ठ जमवारामगढ़ एवं सर्व समाज के अधिवक्ताओं व विधानसभा अध्यक्ष विप्र सेना शशांक श्रीराममोहन चतुर्वेदी के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी जमवारामगढ़ को ज्ञापन दिया।
डॉ . अर्चना शर्मा की आत्महत्या प्रकरण की उच्च स्तरीय एवं निष्पक्ष जांच करवाये तथा दोषी अधिकारियों को तुरन्त प्रभाव से निलंबित किया जावे तथा इस प्रकरण में लिप्त सभी दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाने की कृपा करे अन्यथा विप्र सेना पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
यह था मामला
दौसा जिले में लालसोट के निजी अस्पताल में डिलेवरी के दौरान एक प्रसूता की रेयर कॉम्प्लीकेशन के कारण अधिक रक्त स्त्राव हो जाने से मृत्यु हो गयी थी। यह एक ऐसी समस्या है, जो किसी भी महिला को हो सकती है। अस्पताल के चिकित्सकों ने प्रसूता को बचाने का हर संभव प्रयास किया, परन्तु अधिक रक्त बह जाने के कारण प्रसूता की मृत्यु हो गयी, जिसके चलते कुछ लोगों ने परिजनों के साथ मिलकर राजनितीक दबाव बनाते हुये महिला चिकित्सक एवं उसके पति पर हत्या का मुकदमा दर्ज करवा दिया, जो कि बिल्कुल विधि विरुद्ध है। कोई भी चिकित्सक कभी भी अपने मरीज को मारने के बारे में नहीं सोच सकता है। इस धरती पर चिकित्सक भगवान का ही दूसरा रूप है राजनितिक दबाव के चलते अपने उपर लगे झूठे आरोप से महिला चिकित्सक डॉक्टर अर्चना शर्मा इतनी आहत हुयी कि उसने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लिया। डॉक्टर अर्चना शर्मा ने आत्महत्या नहीं की बल्कि राजनितिक दबाव एवं जिम्मेदार अधिकारियो द्वारा मनमाने तरीके से हत्या का मुकदमा दर्ज करके उनकी हत्या की है। विप्र सेना एवं सर्वसमाज इस घटना की घोर निन्दा करते है।
ज्ञापन के दौरान ये रहे मौजूद
वरिष्ठ अधिवक्ता शंकर जोशी, मुकेश शर्मा,एडवोकेट शशांक श्री राममोहन चतुर्वेदी ,बी.एल. शर्मा, पुष्पेन्द्र शर्मा , रामस्वरूप शर्मा, सत्यपाल गुर्जर, सत्यनारायण माहेश्वरी, किशन लाल बैरवा, भोजराज गुर्जर, अनुराग शर्मा, सतीश धुलारावजी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।