दिव्यांगजन को सहानुभूति की नहीं अपितु सहयोग की ज्यादा आवश्यकता : सीबीईओ व्यास

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दिव्यांग बच्चों लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का एक दिवसीय आमुखीकरण सम्पन्न

किशनगढ़। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय किशनगढ़ के तत्वावधान में समावेशित शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय ब्लॉक स्तरीय गैर आवासीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आमुखीकरण कार्यशाला सोमवार को रूपनगढ़ रोड स्थित कार्यालय सभागार में आयोजित की गई। प्री- प्राइमरी के विशेष आवश्यकता वाले बालक बालिकाओं(दिव्यांगजन) की पहचान एवं चिन्हिकरण को लेकर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीबीईओ जग नारायण व्यास थे। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता अति. मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अमृत राज सैनी ने की। कार्यक्रम संयोजक एवं संदर्भ व्यक्ति (सीडब्ल्यूएसएन) चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला में लगभग 75 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित दो दर्जन दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों ने भाग लिया। मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीबीईओ व्यास ने कहा कि, विशेष आवश्यकता वाले बालक बालिकाओं की पहचान हेतु उन्हें शीघ्र हस्तक्षेप कार्यक्रम से जोड़ा जाना अति आवश्यक है, जिससे बालकों के विकास को मात्रात्मक एवं गुणात्मक रूप से सुगम बनाया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि जब हस्तक्षेप जल्दी आरंभ किया जाता है तो शिशु के विकास में सहायता मिलती है, वो इसलिए कि आरंभिक विकास पर बच्चों के साथ हस्तक्षेप करने से गामक,भाषा, सामाजिक व दैनिक जीवन के क्रियाकलाप जैसे विकास के सभी क्षेत्रों में प्रभावी परिणाम मिलते हैं। व्यास ने अपने उद्बोधन में उपस्थित संभागीयों को मुख्य रूप से एक ही बात बताई की दिव्यांग बच्चों को ‘सहानुभूति’ की अपेक्षा ‘सहयोग’ की ज्यादा आवश्यकता होती है। इसलिए उन्हें हर क्षेत्र में सहयोग प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने में समाज के सभी लोगों की भूमिका तय होनी चाहिए। कार्यक्रम को एसीबीईओ सैनी ने भी संबोधित किया। सैनी बोले की प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से ही दिव्यांग बच्चों के चिन्हीकरण एवं पहचान का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण होगा, इन प्रयासों से प्री- प्राइमरी के विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं की पहचान करते हुए सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। एक दिवसीय कार्यशाला में दक्ष प्रशिक्षक के रूप में संदर्भ व्यक्ति अमित कुमार शर्मा एवं चंद्रशेखर शर्मा ने उपस्थित समभागीयों को प्रशिक्षण के उद्देश्य, दिव्यांगता पर आधारित गतिविधियां एवं शारीरिक दिव्यांगता, बौद्धिक, मानसिक दिव्यांगता, तंत्रिका, रक्त विकार एवं बहु दिव्यांगता सहित उनकी पहचान उनके कारण एवं निवारण पर विस्तृत चर्चा करते हुए शीघ्र हस्तक्षेप व फीडबैक के साथ गतिविधि आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कुल मिलाकर दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम- 2016 के अनुसार 21 प्रकार की दिव्यांगता को आधार बनाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण में दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा यह बात बताई गई की शिक्षा एवं सामाजिक पुनर्वास हेतु राज्य सरकार द्वारा समग्र शिक्षा एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा देय सुविधाएं उपलब्ध कराकर आंगनबाड़ी में नामांकित बच्चों को भी शिक्षा एवं समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है। प्रशिक्षण में केंद्र व राज्य सरकार से जुड़ी विभिन्न सुविधाओं एवं विभिन्न कानूनों की भी जानकारी उपलब्ध कराई गई। इस अवसर पर सीबीईओ कार्यालय से संदर्भ व्यक्ति प्रेम चंद शर्मा, पवन कुमार शर्मा, राजेंद्र कुम्हार, यूडीसी प्रशान्त दवे ,मनोहर सिंह,दलपत चौधरी एवं सीडीपीओ कार्यालय से ब्लॉक सुपरवाइजर संगीता शर्मा एवं रेखा सोनी भी उपस्थित रहे।

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