डायबिटीज: बातें, जो जानना जरूरी है आपके लिए

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भारत में डायबिटीज यानि ब्लड शुगर के रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसी के चलते दुनिया में भारत को डायबिटीज की राजधानी भी कहा जाने लगा है। आमतौर पर ब्लड शुगर के मरीजों में रक्त में शर्करा की मात्रा एक सामान्य स्तर से अधिक हो जाती है। इसे मेडिकल साइंस में हाइपरग्लाइसेमिया कहते हैं। यह शब्द असामान्य ब्लड ग्लूकोज या हाई ब्लड शुगर के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सामान्यतया मनुष्य में हाइपरग्लाइसेमिया की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब ब्लड शुगर लेवल फास्टिंग में 125 एमजी/डीएल से ज्यादा और खाने के दो घंटे के बाद इसका लेवल 180 एमजी/डीएल से ज्यादा होता है। यहां हम आपको बता रहे हैं, डायबिटीज से जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जिनका जानना आपके लिए जरूरी है।

आखिर डायबिटीज है क्या

ग्लूकोज मानव शरीर में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। हम जो भोजन करते हैं, उससे पाचन क्रिया द्वारा शरीर के लिए ग्लूकोज ही प्राप्त किया जाता है। रक्त में ग्लूकोज के लेवल को कई तत्व प्रभावित करते हैं, जिसमें ईटिंग हैबिट्स, एक्सरसाइज, सोने का समय, तनाव आदि शामिल होता है। साथ ही रक्त में ग्लूकोज की मात्रा में बदलाव किसी बीमारी, इंफेक्शन या दवा के सेवन से भी आता है। इंसुलिन की कमी से भी रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती रहती है। मानव के रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को बढऩे को ही डायबिटीज कहा जाता है।

इन बातों का रखें ध्यान

जिन लोगों के रक्त में शुगर का लेवल बढ़ गया है अर्थात जो डायबिटीज के रोगी हैं, उन्हें समय-समय पर ब्लड शुगर लेवल की जांच करते रहना चाहिए। लंबे समय तक रक्त में शुगर की मात्रा अधिक रहने पर कई गंभीर बीमारियां होनो का अंदेशा बना रहता है। मरीज का एक्टिविटी लेवल कितना, काब्र्स कितनी मात्रा में ले रहे हैं और दवा खा रहे हैं या नहीं, इनसे भी ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होता है। साथ ही लंबे समय तक तनाव भी शुगर लेवल बढ़ाने में सहायक होता है।

हाइपरग्लाइसेमिया की ऐसे करें पहचान

ब्लड में अधिक शुगर की मात्रा यानि हाइपरग्लाइसेमिया के प्रमुख लक्षणों में ज्यादा प्यास, बार-बार मूत्र, भूख, थकान और नजरों में धुंधलापन शामिल है। ये लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देना शुरू होते हैं और कई बार लंबे समय तक अनदेखे रह जाते हैं। अगर समय से इसका इलाज शुरू नहीं किया जाए तो ब्लड वेसल्स, आंखें, हार्ट, किडनी और नर्वस सिस्टम को भी काफी नुकसान हो सकता है। ब्लड शुगर लेवल अधिक होने की स्थिति में कीटोएसिडोसिस और डायबिटिक कोमा का जोखिम भी रहता है।

आखिर क्यों बढ़ जाता है ब्लड में शुगर

मानव शरीर में हाइपरग्लाइसेमिया का खतरा तब बढ़ता है जब ग्लूकोज प्रोडक्शन और ग्लूकोज अपटेक और उसका इस्तेमाल ठीक से नहीं होता है। कार्बोहाइड्रेट के ब्रेकडाउन से मानव शरीर में ग्लूकोज का निर्माण होता है। इंटेस्टाइन ब्लडस्ट्रीम से ग्लूकोज को एब्जॉर्ब करता है। मगर डायबिटीज के मरीजों में पैन्क्रियाज ठीक से कार्य नहीं करता है और ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अलावा कुछ दवाइयां, बीमारियां, सर्जरी, इंसुलिन रेजिस्टेंस और शरीर में इंफेक्शन से भी ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। इसका एक मुख्य कारण तनाव भी है।

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