ओलावृष्टि से खराब हुई फसलें, किसानों को शीघ्र मिले मुआवजा-सांसद चौधरी

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सांसद भागीरथ चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर की मांग

अजमेर, 10 जनवरी। राजस्थान में ओलावृष्टि की मार से आहत किसानों को राहत प्रदान कराने के लिए सांसद भागीरथ चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशीलता दिखाते हुए किसानों को उनकी मेहनत और अरमानों पर हुए ओलावृष्टि और खराबे की गिरदावरी करा कर समय पर मुआवजा दिलाए। इस खराबे से किसान आर्थिक रूप से टूट जाएगा, जिससे उबरना उनके लिए मुश्किल होगा।
सांसद चौधरी ने अपने पत्र में लिखा है कि रबी फसल काश्तकारों द्वारा मेहनत करके बोयी गई थी, लेकिन गत 4-5 दिनों में हुई ओलावृष्टि के चलते खेतों में खड़ी एवं लहलहाती फसलें सरसों, चना, गेहूं, जौ आदि फसले अजमेर जिले के साथ-साथ सम्पूर्ण प्रदेश में लगभग 40-50 प्रतिशत खराब और चौपट हो चुकी हैं।

गिरदावरी के दिए जाएं निर्देश

गत सितम्बर-अक्टूम्बर में भी प्रदेश में कई स्थानों पर खरीफ फसल भी मानसून के दौरान पर्याप्त वर्षा नहीं होने से नष्ट हो गई, तो दूसरी ओर कुछ जिलों में फसलों में खराबा लगातार अधिक बारिश का बार-बार होना एवं खराब हवा, जिसके कारण बोयी गई फसल सुचारु रुप से विकसित नहीं हो पायी। अब रबी फसल भी ओलावृष्टि के कारण चौपट हो गई है, जिससे अब प्रदेश का किसान मानसिक रुप से विचलित हो गया है। प्रदेश में रबी फसल के खराबे की गिरदावरी एवं जांच कराने के लिए सम्बंधित बीमा कम्पनियों एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा ठोस प्रशासनिक कार्रवाई की जानी अपेक्षित है। इसके लिए भी निर्देश प्रदान किए जाएं। पिछले वर्ष भी बीमा कम्पनियों द्वारा नुकसान का सर्वे नहीं करने से प्रदेश के किसानों को समुचित मुआवजा नहीं मिल पाया था। वर्तमान में ऐसी स्थिति हो गई है कि प्रदेश में कई स्थानों पर किसान बैंक एवं साहूकार से कर्ज लेकर फसल खराब हो जाने के कारण कर्जदार हो गये है और उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करने में आर्थिक तंगी के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों को समय पर मिले मुआवजा

ऐसे में प्रदेश में रबी फसल की खराबे की जांच/सर्वे कराने एवं खराबे की गिरदावरी कराने के अविलम्ब आदेश प्रदान कराकर मुआवजा की राशि एवं फसल बीमा राशि शीघ्र काश्तकारों को उपलब्ध कराने के लिए संबंधित बीमा कम्पनियों एवं विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करावें। जिससे पीडि़त आपदाग्रस्त किसानों के जीवन को बचाया जा सके, और उन्हें समुचित आर्थिक राहत दिलाई जा सकें।

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