पुष्कर से मेड़ता एवं अजमेर से कोटा वाया नसीराबाद रेल परियोजनाओं में रूचि ले कांग्रेस सरकार-चौधरी

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अजमेर, 19 फरवरी। अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने गत 2 वर्षो में क्षेत्र की 2 महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं पुष्कर से मेड़ता एवं अजमेर से कोटा वाया नसीराबाद के प्रति उदासीनता बरतने का आरोप राज्य की कांग्रेस सरकार पर लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की उदासीनता के चलते दोनों महत्वपूर्ण रेल परियोजना आज तक ठण्डे बस्ते में हंै।
सांसद चौधरी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को पत्र लिखकर प्रदेश के दोनों नवीन रेल मार्गो के लिए राज्य सरकार लागत का 50 प्रतिशत हिस्सेदारी देने एवं आवश्यक निशुल्क भूमि उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण घोषणा राज्य बजट 2022 में सम्मिलित कराते हुए आवश्यक सहमति व प्रस्ताव रेल मंत्रालय नई दिल्ली को भिजवाने की मांग की है। सांसद चौधरी ने पत्र के माध्यम से राज्य सरकार को अवगत कराया कि संसदीय क्षेत्र अजमेर के अधीन पुष्कर एक बहुत ही महत्वपूर्ण, विश्व प्रसिद्व धार्मिक एंव तीर्थ नगरी है, जहंा पर प्रतिदिन देश-विदेश से हजारो की संख्या में लोगों का आना जाना बना रहता है, पूर्व रेल बजट में केन्द्र सरकार ने पुष्कर (अजमेर) से मेड़ता (नागौर) लगभग 59 कि.मी. तक रेल लाईन द्वारा जोडऩे के लिए इस प्रोजेक्ट को रेल परियोजनाओं बजट वर्ष 2013-14 में सम्मलित किया गया था। इस महत्वपूर्ण रेल लाइन को जोडऩे के लियेे काफी वर्षों से अजमेर एंव नागौर के वाशिंदों एवं धर्मावलम्बियों द्वारा मंाग की जा रही थी। इस रेल लाइन का शीघ्र निर्माण हो जाये तो मेड़ता से पुष्कर रेल लाइन के जुडऩे पर सम्पूर्ण उत्तरी भारत का अजमेर व गुजरात से रेल यातायात का सीधा सम्पर्क हो जायेगा। वहीं दूसरी और अजमेर से पश्चिमी राजस्थान के प्रमुख रेलवे स्टेशन जोधपुर, जैसलमेर, नागौर, बीकानेर, आदि का सीधा रेल मार्ग आमजन को उपलब्ध हो जायेगा।
इसी प्रकार अजमेर से कोटा वाया नसीराबाद, केकड़ी, देवली, चौथ का बरवाड़ा होते नवीन रेल मार्ग (लगभग 165 किमी दूरी) की स्थापना की मांग गत 20-22 वर्षों से जन प्रतिनिधियों एवं आमजन द्वारा की जा रही है। इस रेल मार्ग की घोषणा रेल बजट वर्ष 2013-14 में होने के पश्चात भी अभी तक मूर्त रुप नहीं दिये जाने से अजमेर, टोंक-सवाईमाधोपुर एवं कोटा संसदीय क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्र नसीराबाद, केकड़ी, देवली, बून्दी, हिण्डोली एवं कोटा के वाशिन्दों, स्थानीय व्यापारियों एवं उद्यमियों में रोष व्याप्त है।

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