कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जारी किया बयान
लगाई आरोपोंं की झड़ी
ईडी को बताया इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट
जयपुर.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ईडी का नोटिस और पूछताछ पर कांग्रेस हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने भाजपा और पीएम पर आरोपों की झड़ी लगा दी है।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट और मोदी सरकार का भय बोलते हुए कहा कि आखिर भाजपा के निशाने पर राहुल गाँधी और कांग्रेस ही क्यों है, क्या जनता के मुद्दे उठाने वाली मुखर आवाज़ को दबाने का षडय़ंत्र है ईडी की कार्यवाही, क्या राहुल गांधी मोदी सरकार द्वारा चंद धन्ना सेठों के हित साधने में रोड़ा बने हैं, भाजपा सरकार हजारों करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च कर अपने 40-50 मंत्री लगाकर सारे मीडिया पर दबाव डालकर केवल एक आवाज राहुल गाँधी पर इतनी ज्यादा हमलावर क्यों है। आइये उपरोक्त सवालों के जवाब जानें और समझेंए कि क्यों मोदी सरकार कांग्रेस की एकजुटता और राहुल गाँधी की बुलंद आवाज़ से डर गई है।
जब चीन ने हमारे देश की सरजमीं पर जबरन कब्जा किया और हमारे जवान शहीद हुए तो देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि ष्न कोई घुसा है न कोई आया है। तब विपक्ष की एकमात्र आवाज राहुल गाँधी ने सरकार को इस झूठ पर घेरा और देश की माटी के लिए शहीद जवानों के लिए आवाज उठाई। आज दो साल बीतने के बावज़ूद भी पीएम मोदी चीन को भारत की सीमा से वापस नहीं खदेड़ पाए। इसलिए राहुल गाँधी से परेशानी है।
महंगाई से हो रही जनता की बदहाली पर राहुल गाँधी ने लगातार सरकार को घेरा। पेट्रोल-डीजल हो रसोई गैस हो खाने-पीने का सामान हो उन्होंने लगातार देश के मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा, गरीबों, छोटे दुकानदारों, छोटे व्यापारियों के पक्ष में जोरदार आवाज़ उठाई। इसलिए राहुल गाँधी से परेशानी है।
डूबती अर्थव्यवस्था और गिरते रुपये को लेकर एमएसएमई की बदहाली को लेकरए छिनती नौकरियों को लेकर चौतरफा बेरोजगारी को लेकरए युवाओं के गुस्से को लेकर राहुल गाँधी ने लगातार आवाज उठाई। इसलिए राहुल गाँधी से परेशानी है। कोरोना में जब सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया उस समय राहुल गाँधी ने न केवल सरकार को चेताया बल्कि सरकार को देर से ही सही कार्यवाही के लिए मजबूर किया। जब कोरोना के टीके से पैसा वसूली कर हजारों करोड़ का मुनाफा कमाया जा रहा था तो राहुल गाँधी ने आवाज उठाई और सरकार को मुफ़्त टीकाकरण के लिए बाध्य किया। जब लाखों मजदूर हज़ारों किलोमीटर पैदल चलकर दर दर की ठोकरें खा रहे थे तो उन मेहनतकशों की आवाज़ भी राहुल गाँधी ने उठाई। इसलिए राहुल गाँधी से परेशानी है। जब लाखों किसान न्याय की गुहार लिए राजधानी दिल्ली के बाहर आठ महीने तक बैठे थे 700 किसान कुर्बान हो गए और मोदी सरकार उनके रास्ते में कील और काँटे बिछा रही थी तो लगातार ट्रैक्टर यात्रा कर किसान-मजदूरों की आवाज बनकर व सौ सांसदों को किसान संसद में ले जाकर राहुल गाँधी ने देश के अन्नदाता की आवाज उठाई और तीन काले कानूनों को वापस लेने के लिए मोदी सरकार को मजबूर कर दिया। इसलिए राहुल गाँधी से परेशानी है। देश में नफरत के माहौल के खिलाफ और भाईचारे व अनेकता में एकता के विचार के लिए एकमात्र आवाज जिसने सरकार की आँख में आँख डालकर कहा कि नफरत से देश का भला नहीं होगा वह राहुल गाँधी हैं। इसलिए राहुल गाँधी से परेशानी है।
प्रधानमंत्री कभी प्राइवेट कंपनियों के नुमाइंदे बन फ्रांस में राफेल का ठेका दिलवाते हैं तो कभी प्राइवेट कंपनी को श्रीलंका में बिजली का ठेका देने का दबाव डालते हैं। राहुल गाँधी ने मु_ीभर उद्योगपतियों और मोदी सरकार के इस गठजोड़ को बेनकाब किया। इसलिए राहुल गाँधी से परेशानी है। क्रोनोलॉजी समझें मोदी सरकार ने बौखला कर इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के पीछे छिप सत्यनिष्ठा की आवाज पर हमला बोला है।
ये हमला विपक्ष की उस निर्भीक आवाज़ पर है जो जनता के सवालों को सरकार के सामने दृढ़ता से रखती है जो जनता के मुद्दों को भयमुक्त होकर उठा रही है। भाजपाई सत्ता की एजेंसियों के डर से कितने ही लोगों ने समझौता कर भाजपा में माफीनामा देकर भाजपा में प्रवेश कर लिया। अब वो दूध के धुले हो गए हैं। कितनों ने घुटने टेक दिए। लेकिन राहुल गाँधी ही हैं जिन्होंने सरकार की आँख में आँख डालकर जनता के सवाल उठाए हैं। ये हमला उस निर्भीक आवाज़ पर है। ये हमला जनता के मुद्दों पर है। ये हमला बेरोजग़ारों, गरीबों, छोटे दुकानदारों व व्यापारियों, मध्यम वर्ग व नौकरीपेशा, महिलाओं, दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों के अधिकारों व संविधान से जुड़े सवालों पर है।
हम न डरेंगे न झुकेंगे न दबेंगे
देश के लिए लड़ते रहेंगे।