
बच्चों ने सौंपा एडीएम को ज्ञापन
जयपुर.
जयपुर में बच्चों ने बालश्रम के विरोध में अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि बालश्रम पर पूर्ण प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया जाए।
बालश्रम की रोकथाम के लिए सेव द चिल्ड्रन और वल्र्ड विजन संस्था के नेतृत्व में बच्चों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहम्मद अबूबक्र को 12 सूत्रीय ज्ञापन देते हुए मांगें रखी। मांगों में कहा कि सरकार सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ेे ताकि 14 साल से कम किसी बच्चे को मजदूरी न करनी पड़े और 15 से 18 साल तक के बच्चों को कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। जिन बच्चों को बाल श्रम से छुड़ाया जाता है उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा जाए। इस मौके पर रवि जोशी ने सुझाव दिया ऐप से बाल श्रमिकों की सहायता कर सकते हैं। अगर कोई बाल मजदूरी कराता है तो उस ऐप से कोई भी व्यक्ति बाल मजदूरी कराने वाले व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट कर सकता है। जिससे अपराधी के प्रति कार्रवाई होगी और सहायता करने वाले व्यक्ति का नाम सामने नहीं आएगा। हम चाहते हैं एक कानून बने जिसमें अगर कोई बाल मजदूरी कराता है तो उसकी दुकान या फैक्ट्री से कोई सामान न खरीदें और उसके खिलाफ कार्रवाई हो।
सरकार को बाल श्रम मुक्त उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए। वस्तुओं पर बाल श्रम मुक्त उत्पाद का टैग लगाना चाहिए। अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने बच्चों को कहाए आप द्वारा दिए गए सुझाव महत्वपूर्ण हैं। हम सम्बंधित विभाग से चर्चा करेंगे और ऐप डेवलप करने की कोशिश करेंगे। वल्र्ड विजन की प्रोग्राम कोर्डिनेटर मीनाक्षी जेनिफर सिंह ने बताया सेव द चिल्ड्रन के साथ मिल कर आयोजित कार्यशाला में जयपुर की बस्तियों से आए 60 बच्चों को बाल अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया। सेव द चिल्ड्रन के एडवोकेसी मैनेजर ओम आर्य ने कहा कि बाल श्रम रोकथाम के तमाम प्रयासों के बावजूद प्रदेश में बाल श्रम हो रहा है। बच्चे चूड़ी बनाने के कारखानों, आरी तारी और ईंट भट्टों आदि जगहों पर काम कर रहे हैं।
सेव द चिल्ड्रन की राज्य समन्वयक नीमा पंत ने बताया कि 12 जून विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर प्रदेश के 22 जिलों में बच्चों के साथ बाल अधिकारों पर जागरुकता कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। कार्यशाला में बालश्रम की रोकथाम के लिए आए सुझावों को सरकार व प्रशासन को चिल्ड्रन चार्टर ऑफ डिमांड के रूप में सौंपा जाएगा।