किसानों को अच्छे बीज उपलब्ध कराएगी केंद्र सरकार

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समय पर बीज उपलब्ध करवाने पर सरकार का खास ध्यान, किसानों की बढ़ेगी आय

नई दिल्ली. केंद्र सरकार समय पर किसानों को अच्छे बीज उपलब्ध करवाने पर खास ध्यान दे रही है। दरअसल, अच्छे बीज में फसलों की उत्पादकता को लगभग 20-25% तक बढ़ाने की क्षमता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि अच्छे बीजों की उपलब्धता से खेती उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होती है, जिसके परिणामस्वरूप कृषि पारिस्थितिकी को समग्र रूप से लाभान्वित करने के अलावा किसानों के लिए उच्च आय कमाने का अवसर भी पैदा होता है।

किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने की रबी सीजन 2022-23 के लिए तैयारी

देश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने हेतु यह प्रणाली बेहद कारगर साबित हो सकती है। कुछ राज्यों में अनिश्चित और कम वर्षा के कारण, बीजों की समय पर आवश्यकता होती है। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने रबी फसलों विशेष रूप से दलहन और तिलहन के बीज समय पर किसानों को उपलब्ध करवाने पर खास ध्यान दिया है ताकि समय पर उनकी बुवाई हो सके। किसानों को राहत पहुंचाने लिए यह सरकार का सबसे कारगर कदम माना जा रहा है। इससे किसानों को रबी सीजन 2022-23 में फसलों से खासा लाभ प्राप्त होगा।

उपलब्ध कराए जाएंगे बीज मिनीकिट

रबी 2022-23 के लिए, सरकार का बीज मिनीकिट उपलब्ध कराएगी। दरअसल, मानसून की बेरुखी की वजह से खरीफ सीजन की फसलें सूखे का सामना करती हैं। इस वजह से खरीफ सीजन की फसलों के उत्पादन में गिरावट होती है, जिसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने रबी सीजन में दलहन और तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने की रूपरेखा तैयार की है। इसके तहत केंद्र सरकार दलहन और तिलहन फसलों के बीज मिनीकिट के जरिए किसानों को बीज वितरित करने जा रही है। केंद्र सरकार का अनुमान है कि बेहतर बीजों से फसलों की उत्पादकता को लगभग 20-25 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है।

बीज मिनिकिट योजना का उद्देश्य

केंद्र सरकार ने कई उद्देश्यों के साथ किसानों को नई उच्च उपज देने वाली किस्मों के बीज वितरण के लिए बड़े पैमाने पर बीज मिनीकिट कार्यक्रम को मंजूरी दी है। उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों के बीच नवीनतम फसल किस्मों को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से बीज मिनीकिट का वितरण किया जा रहा है। इसी के तहत केंद्र सरकार ने किसानों को दलहन और तिलहन बीज उपलब्ध कराने के मिनीकिट तैयार कर लिए हैं।

तिलहन को बढ़ावा देने के लिए देश में वितरित किए जाएंगे 8.3 लाख मिनीकिट

इस साल तिलहन को बढ़ावा देने के लिए 8.3 लाख मिनीकिट पूरे देश में वितरित किए जाएंगे। वहीं दलहन और तिलहन के नियमित वितरण के लिए राज्यों में मानसून की कमी वाले क्षेत्रों को लक्षित किया जा रहा है। इन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के माध्यम से भारत सरकार के अधीन राष्ट्रीय बीज निगम (NSC), NAFED आदि जैसी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा बीज प्रदान किया जाता है और ये पूरी तरह से वित्त पोषित हैं।

11 राज्यों में दलहन फसलों के बीजों का वितरण

दलहन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2022-23 के दौरान 11 राज्यों के लिए दाल और उड़द के 4.54 लाख बीज मिनीकिट और मसूर के 4.04 लाख बीज मिनीकिट आवंटित किए हैं। विशेष रूप से बारिश की कमी वाले क्षेत्रों में जल्दी बुवाई के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के लिए 1,11,563 किट, झारखंड के लिए 12,500 किट और बिहार के लिए 12,500 किट उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा सरकार 2022-23 में एक विशेष कार्यक्रम (टीएमयू 370) ‘तूरमसूर उड़द – 370’ भी लागू कर रही है, जिसके माध्यम से देश के 120 जिलों में मसूर और 150 जिलों में उड़द का उत्पादन बढ़ाने की योजना है।

पिछले 3 वर्षों में बढ़ा दलहन और तिलहन का उत्पादन

वहीं पिछले 3 वर्षों पर गौर करें तो दलहन और तिलहन की उत्पादकता में काफी वृद्धि हुई है। दलहन के मामले में उत्पादकता 727 किलोग्राम/हेक्टेयर (2018-19) से बढ़ाकर 980 किलोग्राम/हेक्टेयर (चौथा अग्रिम अनुमान, 2021-22) अर्थात 34.8% की वृद्धि की गई है। इसी प्रकार तिलहन फसलों में उत्पादकता 1,271 किलोग्राम/हेक्टेयर (2018-19) से बढ़ाकर 1,292 किलोग्राम/हेक्टेयर (चौथा अग्रिम अनुमान, 2021-22) कर दी गई है।

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