पूरे देश भर में भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम

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मुंबई में दही हांडी का जबरदस्त उत्साह


जयपुर.
भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पूरे देश में जश्न और उत्सव मनाया जा रहा है। देश के सभी मंदिर जय कन्हैयालाल की गूंज से सुनाई दे रही है। रंग बिरंगी रोशनी में डूबे भगवान कृष्ण के मंदिर भक्तों के बीच काफी उत्साह भर रहे हैं। सुबह से ही भक्त मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं। कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में मौजूद कृष्ण भक्त मना रहे हैं। कृष्ण जन्माष्टमी पर ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। पूरे भारत में अलग-अलग तरीकों से जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जा रहा है।
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि होने के नाते मथुरा खुद में खास है। इस साल यहां जन्माष्टमी का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के नाते खास है। सीएम योगी आदित्यनाथ इस अवसर को और विशेष बनाने के लिए लगातार दूसरे साल भी मथुरा में पहुंचे। श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में मथुरा को दुल्हन की तरह सजाया गया है। इस क्रम में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, इस्कॉन मंदिर से लेकर बांके बिहारी मंदिर तक भक्तों का भारी भीड़ पहुंची है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर होने वाले आयोजनों का आनंद लेने के लिए पूरे भारत सहित विदश से भी श्रद्धालु आते हैं। मथुरा की प्रसिद्ध जन्माष्टमी को जन जन तक पहुंचाने के लिए खास तैयारियां की गई हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा को लाइव दिखाने की व्यवस्था की गई। कुल मिलाकर तैयारियां ऐसी हैं कि जो भी श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव में भाग लेने मथुरा आए उसके दिलोदिमाग पर यहां की यादें हमेशा के लिए रह जाएं।
मुंबई में पूरे दो साल बाद एक बार फिर से कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव और दही हांडी के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। कोविड के कारण पिछले दो साल से मुंबई शहर में जन्माष्टमी के कार्यक्रमों पर रोक लगा दिया गया थाए लेकिन इस साल एक बार फिर से पूरे शहर में गोविंदा आला रेए आला की गूंज सुनाई दे रही है। दही हांडी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव का हिस्सा है। इस दौरान दही से भरी मटकी रस्सियों के सहारे बीच में लटका कर उसे मानव पिरामिड बनाकर तोड़ा जाता है। यह त्यौहार मुंबई महानगरीय क्षेत्रों के अलावा देश के कई शहरों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।
इंदौर शहर के यशोदा मंदिर और गोवर्धननाथ मंदिर सहित अनेक मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व मनाया जा रहा है जिसके लिए इन मंदिरों में विशेष साज सज्जा की गई है। यशोदा माता मंदिर में भगवान का फूलों से शृंगार किया गया है। इसके अलावा गोवर्धननाथ मंदिर, इस्कॉन सहित शहरभर में फूलों से शृंगार किया गया है। माखन मिश्री का भोग लगाएंगे। जन्माष्टमी पर्व के लिए श्रीकृष्ण मंदिरों को आकर्षक रंगबिरंगे लाइटों से सजाया गया है। दर्शन के लिए मंदिरों में सुबह से ही लंबी लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थी। गोपाल मंदिर में रात 12 बजे महाआरती के बाद से ही प्रसाद वितरण किया जा रहा है।
जयपुर शहर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहर के मंदिरों के साथ घर-घर जन्माष्टमी महोत्सव का उल्लास छाया है। मुख्य आयोजन शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में हुआ। शुक्रवार सुबह मंगला झांकी के दर्शन के लिए मंदिर को खोल गया। इसके बाद ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक कर पीले रंग की नवीन पोशाक धारण कराई गई। इसके साथ ही विशेष अलंकरण धारण कराकर फूलों से आकर्षक शृंगार किया गया। मध्य रात्रि 12 बजे 31 तोपों की सलामी व आतिशबाजी के बीच श्री गोविंददेव मंदिर को अभिषेक के दर्शन के लिए खोला गया।
असम में भी शुक्रवार की सुबह से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम देखी जा रही है। राज्य भर के मंदिरों, सत्रों, नामघरों आदि में सुबह से ही भजन-कीर्तन का आयोजन हो रहा है। नामघरों में सुबह से महिलाओं को भगवान श्रीकृष्ण की वंदना और संकीर्तन करते हुए देखा जा रहा है। दिहानम भगवान का गुणगान गाकर पूरे माहौल को भक्तिमय बना रही हैं। पवित्र भादौ माह असमिया पंचांग के दूसरे दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के आयोजन से लोगों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। भादौ माह असमिया संस्कृति के तहत काफी अहम माना जा रहा है।

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