चुप्पी तोड़ो, हम से बोलो – अब राजस्थान के स्कूलों में अनिवार्य

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जयपुर। राजस्थान  के स्कूलों में बालिकाओं के साथ छेड़छाड़, बलात्कार व यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामला के मध्य नजर राजस्थान बाल संरक्षण आयोग ने संवेदनशील कदम उठाया है। आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने प्रदेश के समस्त सरकारी व निजी स्कूलों के प्रबंधन के नाम सर्कुलर जारी करते हुए निर्देश दिया है कि स्कूलों में शिकायत पेटिका के साथ “चुप्पी तोड़ो हम से बोलो” के स्लोगन के साथ चाइल्ड हेल्पलाइन, पुलिस एवं बाल आयोग का मेल आईडी प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा ।

संगीता बेनीवाल व कानाराम का आभार
निर्देश जारी होने पर अभिभावक एकता संघ राजस्थान के प्रदेश संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने आयोग की अध्यक्षा संगीता बेनीवाल, सचिव महेंद्र सिंह एवं  माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम का आभार ज्ञापित किया। साथ ही कहा कि  यह निर्णय प्रदेश भर में स्कूलों में पढ़ने वाली करीब सत्तर लाख बेटियों के संरक्षण एवं हित में लिया गया संवेदनशील निर्णय है।

फीस एक्ट 2016 के तहत गठित कमेटी सदस्यों के नाम भी हो प्रदर्शित
अभिभावक एकता आंदोलन राजस्थान के मीडिया कोऑर्डिनेटर हरिओम सिंह चौधरी ने बताया कि 26 मई को बाल संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित वर्चुअल मीटिंग ने अभिभावक एकता संघ के प्रदेश संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने आयोग को 5 सुझाव दिए थे, जिनमें से सुझाव नंबर 4 यह था कि- अभिभावकों एवं विद्यार्थियों की शिकायतो के समाधान एवं समन्वय हेतु प्रत्येक विद्यालय के रिसेप्शन पर निर्धारित साइज, कलर एवं फॉर्मेट में एक बोर्ड अनिवार्य रूप से लगे, जिसमें (अ)चाइल्ड हेल्पलाइन (ब) बाल संरक्षण आयोग एवं (स) 2016 एक्ट के तहत गठित फीस कमेटी के चुने हुए अभिभावक प्रतिनिधियों के नाम एवं मोबाइल नंबर अंकित हो । इनमें से बिंदु (अ) व (ब) की सार्थकता इस निर्णय से हो गई है, जिसके लिए आयोग का आभार परंतु बिंदु (स) सहित अन्य प्रस्तावों पर भी बाल आयोग व शिक्षा विभाग निर्णय लेे, इसकी मांग हम करते हैं।

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