बीएमएस और इंटक हुए एकजुट

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रोडवेज बचाओ संघर्ष समिति का किया गठन
जाम, हड़ताल के अलावा करेंगे आंदोलन


जयपुर.
राजस्थान रोडवेज में कार्यरत भारतीय मजदूर संघ एवं इंटक से संबंधित दो प्रमुख श्रम संगठन परिवहन फैडरेशन एवं राजस्थान रोडवेज मजदूर कांग्रेस के पदाधिकारियों ने 7 सितंबर को साझा प्रेस वार्ता की। पूर्व में रोडवेज में की गयी चक्का जाम हडताल के कारण रोडवेज एवं रोडवेजकर्मियों को हुए कटु अनुभव के कारण एवं रोडवेज की आर्थिक स्थिति को मद्देनजर रखते हुए दोनों श्रम संगठनों ने अपनी प्रमुख मांगों के समाधान के लिए रोडवेज में चक्का जाम हड़ताल के विकल्प को छोडकऱ धरना/प्रदर्शन/रैली एवं अन्य आंदोलन के विकल्प का चयन कर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन की रणनीति बनायी है। दोनों श्रम संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि निगम एवं निगमकर्मियों के हितों के रक्षार्थ आज दिनांक से ही ‘‘रोडवेज बचाओं संघर्ष समिति’’ का गठन किया गया है।
भारतीय परिवहन मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने प्रेसवार्ता को संबोधित कर कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय जब रोडवेजकर्मी अपनी प्रमुख मांगों के समर्थन में आंदोलनरत था, उस समय राजस्थान कांग्रेस पार्टी के मुखिया एवं वर्तमान सरकार के पूर्व उपमुख्य मंत्री सचिन पायलट और वर्तमान सरकार के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कर्मचारियों को विश्वास मे लेकर घोषणा की थी कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सर्वप्रथम रोडवेजकर्मियों को सातवा वेतनमान एवं सेवानिवृत कर्मचारियों के बकाया भुगतान करना हमारी पहली प्राथमिकता होगी। परन्तु सरकार का लगभग पौने तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के उपरान्त भी रोडवेजकर्मियों की समस्याओं का समाधान नही हो पाया है। वर्तमान परिवहन मंत्री द्वारा रोडवेज को राज्य सरकार में समायोजित करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिखने का रोडवेजकर्मी स्वागत करते है। किन्तु इससे पूर्व रोडवेजकर्मियों से सातवां वेतनमान दिये जाने के वादे को भी पूरा करना चाहिए। वादा पूरा नही करने के कारण ही रोडवेज कर्मचारियों को मजबूरन आंदोलन की राह पर जाना पड़ रहा है।
प्रेसवार्ता में राजस्थान रोडवेज मजदूर कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री देवकरण चौधरी ने बताया कि रोडवेज में पूर्व में की गयी चक्का जाम हडतालों का लाभ-हानि का आंकलन किया जाये तो रोडवेज को काफी नुकसान उठाना पडा है। आज यदि 1 दिन भी रोडवेज का चक्का जाम रहता है तो हमारा लगभग 4 करोड़ रूपये का राजस्व हम प्राईवेट वाहन माफियाओं की झोली में डालने का कार्य करते है। एक तरफ तो हम अवैध वाहन संचालन को लेकर आंदोलनरत है और ऐसे में रोडवेज का राजस्व प्राईवेट वाहन माफियाओं के खाते में जाने से उन्हें और पनपने का मौका मिलता है। वर्ष 2019 में की गई 22 दिन की हडताल जो सांकेतिक रूप से 1 2 दिवस की तय की गयी थी उसे बढाकर अनिश्चितकाल के लिये करना रोडवेज के लिये आत्मघाती कदम रहा है। 22 दिन की हड़ताल के चलते निगम का एक महत्वपूर्ण डीलक्स आगार यात्रियों के प्राईवेट वाहनों की ओर डायवर्ट होने के कारण आज बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। रोडवेज में बार-बार हडताल के चलते रोडवेज एवं रोडवेजकर्मियों को तो आर्थिक नुकसान होता ही है साथ ही यात्रियों एवं जनता की नजर में भी रोडवेज की प्रमाणिकता पर प्रश्न वाचक चिह्न लगता है। ऐसे में हमने निर्णय किया है कि हम हमारी प्रमुख मांगो के समाधान हेतु चक्का जाम, हड़ताल के विकल्प को छोडकर अन्य सभी आंदोलन जिसमें रैली, धरना, प्रदर्शन और अन्य विकल्प के साथ संघर्ष करेगें।
परिवहन फैडरेशन के प्रदेश महामंत्री महेश चतुर्वेदी ने कहा कि आज निगमकर्मियों की निम्नलिखित प्रमुख मांगे:- निगमकर्मियों को सांतवा वेतनमान मिले, पूर्व में बकाया 25 प्रतिशत डी.ए. का आदेश करने, सेवानिवृत कर्मचारियों का वर्ष सितम्बर 2016 से बकाया सेवानिवृति परिलाभों का भुगतान करने, माह की पहली तारीख को वेतन एवं पेंशन देने, निगम में 2000 नई बसों की खरीद एवं 8000 रिक्त पदों पर भर्ती करना प्रमुख है। उपरोक्त प्रमुख मांगों सहित 11 सूत्रीय मांग पत्र के समर्थन में आज हमने ‘‘रोडवेज बचाओं संघर्ष समिति’’ के सानिध्य में प्रथम चरण के आन्दोलन का निर्णय लिया है।
9 सितम्बर 2021 को जयपुर स्थित सभी आगारो का सिंधी कैम्प केन्द्रीय बस स्टेण्ड पर 11 बजे से 1 बजे तक प्रदर्शन करेगें। 17 सितम्बर 2021 को जयपुर स्थित सभी आगारों द्वारा मुख्यालय पर 1 से 2 बजे प्रदर्शन करेगें। प्रेसवार्ता में ईन्टक के प्रदेश अध्यक्ष प्रेमसिंह देवड़ा ने कहा कि रोडवेज बचाओं संघर्ष समिति में हम उन सभी संगठनों एवं कर्मचारियों को जो हड़ताल के विकल्प को छोडकर आंदोलन के अन्य विकल्प में संघर्ष हेतु हमारे साथ साझा करते है हम उनका स्वागत करते है। संघर्ष समिति सभी रोडवेजकर्मियों एवं अधिकारियों से अपील करते है कि आज के परिपेक्ष्य में हडताल पर रोडवेज को ले जाना हमारे लिए आत्मघाती कदम होगा। अत: कर्मचारी चक्काजाम हडताल का विकल्प त्याग कर रोडवेज बचाओं संघर्ष समिति के आंदोलनों में अपनी भागीदारी निभाना सुनिश्चित करे।
सेवानिवृत संयुक्त कर्मचारी महासंघ के महामंत्री ी मुरारी लाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को रोडवेज के वरिष्ठ जनों के कल्याण हेतु सेवानिवृत कर्मचारियों के बकाया लगभग 376 करोड़ रूपये भुगतान की व्यवस्था शीघ्र ही करनी चाहिए। ताकि न्यायालय के निर्णय की पालना हो सकें। साथ ही राज्य सरकार को रोडवेज के वरिष्ठ जनों के उत्तम स्वास्थ्य हेतु कैशलेस चिकित्सा सुविधा शीघ्र उपलब्ध करानी चाहिए।
प्रेस वार्ता में फेडरेशन प्रभारी वरूण तिवाड़ी, फैडरेशन प्रदेश अध्यक्ष नत्थूसिंह राठौड़, सेवानिवृत कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्रीगोपाल शर्मा, इन्टक के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विनोद जौहरी एवं फैडरेशन मीडिया प्रभारी प्रकाश शर्मा उपस्थित रहे। साथ ही इंटक के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिनारायण मीणा भी उपस्थित रहे।

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