
प्रदर्शनकारियों ने लगाई टे्रनों में आग
जयपुर.
सेना में भर्ती की केंद्र सरकार की ओर से लाई गई योजना का सबसे अधिक विरोध बिहार मेें हो रहा है। बिहार के युवा न केवल सडक़ोंं पर इसका जमकर विरोध कर रहे है बल्कि रेलवे टै्रक पर भी आ गए है। यह विरोध हिंसक भी हो गया है और प्रदर्शनकारियों ने टे्रनों में भी आग लगा दी है।
बिहार में प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और रेलवे पटरियों पर धरना देने वाले युवाओं को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। वहीं नवादा में भाजपा की विधायक अरुणा देवी एक अदालत जा रही थीं तभी उनके वाहन पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया जिसमें विधायक सहित पांच लोग घायल हो गए। अरुणा ने कहा कि प्रदर्शनकारी मेरी गाड़ी पर लगे पार्टी के झंडे को देखकर भडक़ गए उन्होंने झंडे को भी निकाल दिया। मेरे चालक, दो सुरक्षा कर्मी और निजी स्टाफ के कई सदस्यों को चोटें आई हैं।
सेना में भर्ती की नई प्रणाली से नाराज प्रदर्शनकारियों ने रेलवे संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। प्रदर्शनकारियों ने भभुआ और छपरा स्टेशन पर बोगियों में आग लगा दी और कई जगहों पर डिब्बों के शीशे तोड़ दिए। भोजपपुर जिला मुख्यालय आरा में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशन को घेर लिया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हटाने करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
हाजीपुर में पूर्व मध्य रेलवे के मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रेल सेवाएं बाधित हुईं। पटना-गया, बरौनी-कटिहार और दानापुर-डीडीयू जैसे व्यस्त मार्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। कई ट्रेनें बाहरी सिग्नल पर फंसी हुई हैं क्योंकि आंदोलनकारियों ने पटरियों को जाम कर दिया है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी आंदोलनकारियों को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। इन प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए प्रदर्शनों के कारण जहानाबाद, बक्सर, कटिहार, सारण, भोजपुर और कैमूर जैसे जिलों में सडक़ यातायात बाधित हुआए जहां पथराव की घटनाओं में कई स्थानीय लोग घायल हो गए।