AVVNL: चित्तौड़गढ़ व निंबाहेड़ा में ब्लैक लिस्टेड कंपनी को सौंपा बिजली व्यवस्था का जिम्मा

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चित्तौड़गढ़। चुनावी साल में अजमेर विद्युत वितरण निगम ने चित्तौड़गढ़ और निंबाहेड़ा की विद्युत व्यवस्था निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली है। अब गुड़गांव की मीटर बनाने वाली निजी कंपनी दोनों जगह की विद्युत व्यवस्था संभालेगी और सभी कनेक्शनों पर अपने स्मार्ट मीटर लगाकर बिलिंग और वसूली के काम करेगी।
जानकारी के अनुसार अजमेर विद्युत वितरण निगम ने हाल ही में चित्तौड़गढ़ और निंबाहेड़ा शहर की उपभोक्ता संबंधी सभी विद्युत व्यवस्थाएं प्राइवेट हाथों में सौंपने का निर्णय किया है। यह कार्य गुड़गांव की मीटर निर्माता कंपनी एचपीएल इलेक्ट्रिकल पावर लिमिटेड को दे दिया गया है। इस टेंडर में कंपनी को दोनों शहरों में सभी उपभोक्ताओं के विद्युत मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाने, उनकी रीडिंग लेने और बिल बनाकर राशि वसूलने का ठेका दिया गया है। साथ ही नए विद्युत कनेक्शन देने, मैंटेनेंस, फॉल्ट करेक्शन आदि कार्य भी निजी कंपनी संभालेगी। इस टेंडर का काम शुरू होने के बाद दोनों शहरों से एवीवीएनएल के विद्युत कर्मियों को हटाकर कंपनी के कर्मचारियों को लगाया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले कोटा शहर में भी केईडीएल कंपनी को व्यवस्था सौंपी जा चुकी है। इस कंपनी की कार्यप्रणाली का भी कोटा के लोगों ने विरोध किया था। इस कंपनी की ओर से कोटा में लगाए स्मार्ट मीटरों के तेज चलने के बाद जबर्दस्त जनाक्रोश सामने आ चुका है और भाजपा व कांग्रेस के भारी विरोध पर इन मीटरों को वापस उतारा गया था।

हिमाचल प्रदेश में ब्लैक लिस्टेड है कंपनी

सूत्रों के अनुसार खराब मीटर सप्लाई के चलते हिमाचल प्रदेश में ब्लैक लिस्टेड हो चुकी कंपनी को अब राजस्थान में उपभोक्ता संबंधी विद्युत व्यवस्था का ठेका दिया गया है, जिसे उपभोक्ता आधारित सेवाएं संभालने का पूर्व में कोई अनुभव भी नहीं है। वहीं उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम में भी गत वर्ष खराब मीटर सप्लाई की शिकायतों पर इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की प्रक्रिया अमल में लाई जा चुकी है।

निजीकरण के निर्णय से एवीवीएनएल को नुकसान

केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के अंतर्गत मिलने वाले अनुदान को ठुकराकर एवीवीएनएल की ओर से लिया गया निजीकरण का यह निर्णय समझ से परे है। यदि यही मीटर आरडीएसएस योजना में लगाए जाते तो अजमेर डिस्कॉम को प्रत्येक मीटर पर केंद्र की ओर से अनुदान मिलता, लेकिन निजी कंपनी को काम सौंपने की जिद में इन मीटरों का घाटा भी डिस्कॉम को ही उठाना होगा। निजीकरण के इस निर्णय से निंबाहेड़ा के शहरी के साथ कृषि उपभोक्ता भी प्रभावित होंगे, जिनकी विद्युत व्यवस्था की जिम्मेदारी एचपीएल को सौंप दी गई है। हाल ही में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी निजीकरण के खिलाफ अजमेर में विद्युत वितरण निगम कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया था।

विरोध में उतरे बिजली निगम के कर्मचारी

चित्तौड़गढ़ बिजली निगम में निजीकरण की प्रक्रिया का विरोध शुरू हो गया है। इस व्यवस्था को लेकर बिजली कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त हो रहा है। इसके विरोध में संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विद्युत कर्मियों ने राजस्थान राज्य धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण अध्यक्ष सुरेंद्रसिंह जाड़ावत व कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा।

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