
जयपुर। राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एमनेस्टी स्कीम 2021 शुरू की गई है। इसमें पूर्व में संचालित राज्य पूंजी विनियोजन अनुदान योजना, 1990 के अंतर्गत ऐसी औद्योगिक इकाईयां जो योजना के प्रावधानों एवं शर्तों का पालन करने में विफल रही हैं, उन्हें सरकार द्वारा उद्योग विभाग के माध्यम से राहत प्रदान की जाएगी।
इस योजना के अन्र्तगत वित्तीय संकट, प्राकृतिक आपदा, टेक्नोलॉजी परिवर्तन एवं अन्य कारणों से विफल रही इकाइयों को संबल प्रदान करने के लिए अब वसूल करने योग्य मूल अनुदान राशि के पेटे 50 प्रतिशत राशि जमा कराने पर बकाया मूल अनुदान एवं समस्त ब्याज माफ कर दिया जाएगा। स्कीम की खास बात यह है कि किसी इकाई ने मूल अनुदान में से जो राशि पूर्व में जमा करा दी है, उसे शामिल करते हुए आधा मूल अनुदान जमा कराने पर भी इस स्कीम का लाभ मिलेगा। साथ ही पूर्व में आधा या उससे अधिक मूल अनुदान जमा करा चुकी इकाईयों का पूरा ब्याज माफ किया जाएगा। इससे वित्तीय कारणों से रुग्ण हो चुकी इकाइयों को राहत मिलेगी। यह एमनेस्टी स्कीम 31 मार्च 2022 तक प्रभावी रहेगी।
बंद इकाईयां हो सकेंगी शुरू
उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त अर्चना सिंह ने कहा कि इस योजना से करीब 565 इकाईयों को लाभ मिलेगा। विगत कई वर्षों से इन इकाइयों के विरुद्ध विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरणों से उनको न केवल राहत मिलेगी बल्कि बंद इकाइयों के पुनर्जीवन का रास्ता खुलेगा, जिससे राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बल मिलेगा। उल्लेखनीय है कि राज्य पूंजी विनियोजन अनुदान योजना में राज्य सरकार ने 13413 इकाइयों को उनके द्वारा किए गए स्थायी पूंजी निवेश पर करीब 308 करोड़ रुपए का अनुदान दिया था। इस योजना में यह शर्त थी कि लाभांवित इकाई न्यूनतम 5 वर्ष तक उत्पादन करती रहेगी। हालांकि इसमें से मात्रा 4 प्रतिशत इकाइयां इस शर्त को पूरा नहीं कर सकीं। इस कारण उनसे नियमानुसार लगभग 25 करोड़ रुपए मूल अनुदान और अब तक करीब 75 करोड़ रुपए ब्याज राशि वसूल की जानी थी। लेकिन यह इकाईयां वसूलनीय मूल अनुदान राशि का 50 प्रतिशत जमा कराकर इस स्कीम का लाभ ले सकेंगी।
योजना का लाभ लेने की यह होगी प्रक्रिया
स्कीम को अत्यन्त सुगम एवं पारदर्शी बनाया गया है। पात्रा इकाइयां बकाया मूल अनुदान की राशि जमा कराकर निर्धारित प्रारुप में आवेदन भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ अनुदान वितरण एजेंसियों यथा जिला उद्योग केंद्र, राजस्थान वित्त निगम एवं रीको को जमा कराना होगा। पात्रता जांच के बाद सभी एजेंसियां अपनी अनुशंषा के साथ आवेदन पत्रों को आयुक्त, उद्योग एवं वाणिज्य को प्रेषित करेंगे। वितरण एजेंसियों से प्राप्त प्रस्ताव एवं पात्रता की जांच के बाद आयुक्त द्वारा संबंधित इकाई से वसूल करने योग्य शेष मूल अनुदान एवं संपूर्ण ब्याज राशि को माफ करने का आदेश जारी किया जाएगा।