इंडोनेशिया के पूर्वी जावा के माउंट ब्रोमो में करीब 2400 मीटर की )उंचाई पर लावा पत्थरों से बने गणेश जी पिछले सात सौ सालों से विराजमान हैं। आस पास के 48 गांवों के तीन लाख हिंदुओं की गणेश जी के प्रति अटूट श्रद्धा है और वे मानते हैं कि गणेश जी ही हमारे रक्षक है। इस ज्वालामुखी में गणेश का विशेष स्थान है। स्थानीय लोगों का मानना है कि ज्वालामुखी के मुहाने पर जो मूर्ति है, वह यहां के लोगों की रक्षा करती है।
आज तक कभी नहीं रुकी गणेशजी की पूजा
चाहे ज्वालामुखी कितना ही सक्रिय क्यों न हो गणेश जी की पूजा कभी बाधित नहीं होती है। सैकड़ों साल पुरानी यह परंपरा ‘याद्नया कासडा’ कहलाती है, जो कभी रुकी नहीं। चाहे ज्वालामुखी में भीषण विस्फोट ही क्यों न हो रहे हों। यह 15 दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो अपनी स्थापना के समय से ही चला आ रहा है।
काले पत्थर से बना ब्रह्मा जी का मंदिर भी है यहां
ब्रोमो नाम भी ब्रह्मा जी का है। ब्रह्मा जी को जैवनिज भाषा में ब्रोमो कहते हैं। जिस जगह से ज्वालामुखी की चढ़ाई शुरू होती है, वहां काले पत्थरों से बना 9वीं शताब्दी का ब्रह्माजी का मंदिर भी है। इंडोनेशिया में गणेश जी के प्रति इतनी आस्था है कि इस्लामिक मुल्क होते हुए भी 20 हजार के नोट पर गणेश जी की तस्वीर है।