
जमवारामगढ़ (विकास शर्मा)। परंपरागत खेती से ज्यादा कमाई बागवानी में है। जो किसान बागवानी को अपना रहे हैं, वो मालामाल हो रहे हैं। परंपरागत खेती में कमाई कम होने के साथ मेहनत व जोखिम भी ज्यादा होता है।
जमवारामगढ़ उपखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत नेवर से कृषि पर्यवेक्षक मंगल चंद मीणा ने बताया कि किसानों को भविष्य में कृषि विभाग की तरफ से अधिक से अधिक प्रशिक्षण देकर बागवानी के बारे में जागरूक किया जाएगा। पानी की कमी को देखते हुए, प्राकृतिक आपदाओं की मार, मौसम की अनियमितता, फसलों में लगने वाली बीमारियां, फसल का बाजार भाव नहीं मिलना, इन सब समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए अधिक से अधिक किसानों को बागवानी की खेती करने की सलाह दी जा रही है। पिछले वर्ष भी काफी अधिक मात्रा में फलदार बगीचे लगवाए गए हैं।
प्रगतिशील किसान दुर्गा लाल सैनी धुला रावजी और सीताराम मीणा नेवर ने बताया कि हमने एक हेक्टेयर में आंवले का बगीचा लगा रखा है, जिसमे प्रतिवर्ष लगभग 4 से 5 लाख रुपए की आंवले से आमदनी हो जाती है। आंवले वाले बगीचे में सभी प्रकार की सब्जियां लगाकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर लेते हैं। इसलिए किसानों को अधिक से अधिक फलदार बगीचे लगाने चाहिए, जिससे व्यापारी हमारे क्षेत्र में आकर सभी प्रकार के फल व सब्जियां खरीद करके मंडिया लगा सके। इससे किसानों को रोजगार मिलेगा और आमदनी बढ़ेगी। इस दौरान सरपंच प्रतिनिधि फैली राम मीणा ने भी किसानों को अधिक से अधिक बागवानी करने की सलाह दी।