जालंधर मे एक मांगलिक लडक़ी की शादी 13 साल के बच्चे से कर दी गई। यह सिर्फ इसलिए किया गया कि उस युवती की शादी में बार-बार रुकावट आ रही थी।
जालंधर के थाना बस्ती बावा खेल में मांगलिक बेटी के विवाह में बार-बार रुकावट पैदा होने पर उसके परिवार ने 13 साल के बच्चे की बेटी से शादी करवा दी। अन्धविश्वास में रस्मों की अदायगी यहीं नहीं रुकी। इसके बाद युवती के पति के मरने का मातम भी मनाया गया, जिसमें बाकायदा दुल्हन ने अपने गहने उतारे और चूडिय़ां फोड़ीं और रोई। बच्चे ने अपने घर जाकर सारी बात बताई तो यह बात सबके सामने आ गई।
कुछ दिन बाद विधवा विलाप भी
यह सब अंधविश्वास के चलते मांगलिक लडक़ी ने भविष्य में होने वाली शादी को सफल बनाने के लिए परिवारवालों के साथ मिलकर किया। बच्चे के परिवार ने आरोप लगाया कि उनका बेटा युवती के घर पर ट्यूशन पढ़ता था। एक दिन किसी पंडित ने युवती के घरवालों को बताया कि उनकी बेटी मांगलिक है और इस दोष को दूर करने के लिए उन्हें बेटी की किसी बच्चे से शादी करवानी होगी। शादी की सारी रस्में निभाने के बाद विधवा बनकर विलाप भी करना होगा। ऐसा करने पर ही उनकी बेटी की कुंडली से यह दोष दूर होगा। पंडित के कहने के बाद युवती के परिजनों ने उसकी शादी बच्चे से करवा दी।
सुहागरात के कुछ दिन बाद विधवा
शादी की सभी रस्में निभाने के बाद बच्चे को सुहागरात के लिए कमरे में भी ले जाया गया। इसके कुछ दिन बाद युवती ने विधवा होने का नाटक किया। बच्चे के परिवार की शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाकर समझौता करवा दिया है।
ट्यूशन के लिए जाता था बच्चा
बच्चे के परिजनों के अनुसार उनका बेटा युवती के घर ट्यूशन पढऩे जाता था। एक दिन युवती ने कहा कि वह बच्चे को अपने पास ही कुछ दिन के लिए रख लेगी। यहीं रहकर वो तैयारी कर लेगा और परीक्षा में अच्छे नंबर आ जाएंगे। बच्चे के घर वाले बेटे के भविष्य को देखते हुए वह मान गए और दस दिन बेटा युवती के घर ही रहा। पुलिस जांच में सामने आया कि शादी की रस्में व मौत का यह सारा नाटक पांच से छह दिन तक चला। बच्चा उतने दिन उनके घर पर ही रहा। इस दौरान बच्चे से घर के काम भी करवाए गए।