बुढ़ापे में भी रहना चाहते हैं जवां तो खाइए फल और हरी सब्जियां

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एक टीवी एड आपकी त्वचा से आपकी उम्र का पता ही नहीं चलता कि तरह आप भी चाहते हैं कि कोई आपकी उम्र का अंदाजा ही नहीं लगा पाए तो फल और सब्जियां खूब खाइए। इनमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जिससे त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़ती हैं और आप पचपन की उम्र में भी जवां नजर आएंगे।
हमेशा जवंा बना रहने के लिए सबसे जरूरी है एंटी ऑक्सीडेंट्स। एंटीऑक्सीडेंट्स वो पदार्थ होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स के कारण शरीर की कोशिकाओं में होने वाले नुकसान को रोकते हैं और इस प्रक्रिया में देरी करते हैं। प्राकृतिक रूप से एंटीऑक्सीडेंट्स फल और सब्जियों में पाए जाते हैं। इसके अलावा सप्लीमेंट्स में भी ये पाया जाता है। चूंकि, प्राकृतिक खाद्य पदार्थों में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, इसलिए सप्लीमेंट्स की जरूरत बहुत कम ही पड़ती है।
बीटा-कैरोटीन, विटामिन ई और विटामिन सी से युक्त खाद्य पदार्थ एंटीऑक्सीडेंट के बेहतरीन स्रोत होते हैं और इन्हें बड़ी आसानी से आप आहार में शामिल कर सकते हैं।

सुपर हीरो से कम नहीं एंटीऑक्सीडेंट्स

एंटीऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र के साथ आपके शरीर की कोशिकाओं में होने वाले नुकसान को रोकते हैं यानि ये डेमेज कंट्रोल का काम करते हैं। इससे कैंसर, उम्र के बढऩे व अन्य रोग होने से बचाव होता है। हमारी शारीरिक संरचना की रक्षा करने के लिए यह किसी सुपरहीरो की तरह ही काम करते हैं। यह हरी सब्जियों में प्राकृतिक रूप में पाए जाते हैं। सबसे प्रचलित एंटीऑक्सीडेंट्स विटामिन सी और ई, बीटा कैरोटीन और कैरोटीनॉइड्स हैं और खनिज में सबसे प्रचलित मैंगनीज और सेलेनियम होते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को कम करने का काम करते है। फ्री रेडिकल ऐसे मुक्त अणु होते हैं, जो आपकी कोशिकाओं से जुड़ एक जगह एकत्र होने लगते हैं। यह प्रक्रिया आपको कई रोगों की चपेट में ले लेती है, लेकिन एंटीऑक्सीडेंट लेने से यह फ्री रेडिकल्स एक जगह इका नहीं हो पाते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट कई प्रकार के होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स की सूची में आपके शरीर के अंदर बनने वाले व बाहर से लेने वाले सभी प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स को शामिल किया जाता है।

शरीर में बनने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स व उनके कार्य

ग्लूटेथिओन - ऑक्सीडेटिव क्षति से आपकी कोशिकाओं को बचाने का काम करता है।
अल्फा-लिपोइक - यह जीन में सक्रियता लाकर सूजन को कम कर देता है।
कोक्यू10  - यह बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम करता है, इसको यूबीक्यूनिओन के नाम से भी जाना जाता है।

एंटीऑक्सीडेंट्स का दादा है विटामिन सी

रेस्वेराट्रोल  - यह अंगूर और रेड वाइन में पाया जाता है। इससे बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम किया जा सकता है।
कैरोटीनॉयड - यह प्राकृतिक रूप से सब्जियों व फलों में पाया जाता है।
एस्टैक्सैंटीन - यह सबसे प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह फ्री रेडिकल्स को साफ करने का काम करता है।
विटामिन सी - इसको एंटीऑक्सीडेंट का दादा कहा जा सकता है। इसके कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
विटामिन ई - यह एक परिवार के आठ यैगिकों से मिलकर बनता है।
सेलेनियम - यह एक आवश्यक खनिज होता है।

आइसोथियोसाइनेट कैंसर के इलाज में कारगर

एंजाइमेटिक एंटीऑक्सिडेंट्स में सुपरऑक्साइड डिसम्युटैस, कैटालेस और ग्लूटेथियोन शामिल होते हैं। ये फ्री रेडिकल्स को कम करने का काम करते हैं। इसके अलावा नॉन एंजाइमेटिक एंटीऑक्साइड में विटामिन सी, ई व ग्लूटेथियोन आते हैं। यह फ्री रेडिकल की चेन बनने नहीं देता है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि आइसोथियोसाइनेट एंटीऑक्सीडेंट कैंसर जैसे गंभीर रोगों के इलाज के लिए भी फायदेमंद होते हैं।

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