बताए हिंदू संयुक्त परिवार के कर संबंधी दायित्व

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सीए शाखा किशनगढ़ और अलवर का संयुक्त वेबीनार


मदनगंज-किशनगढ़.
सीए शाखा किशनगढ़ और अलवर शाखा की ओर से संयुक्त वेबीनार आयोजित किया गया। इसमे हिंदू अविभाजित परिवार के बारे में जानकारी दी गई।
द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की किशनगढ़ शाखा और अलवर शाखा के संयुक्त तत्वाधान में वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि सीए मनीष बोर्ड आईटीआईटीआई मेंबर इंदौर थे। उन्होंने अपने जीवन के अनुभव को सभी के साथ साझा किया और बताया कि सीए परिवार बहुत बड़ा है एवं हमें सभी को एक साथ रहते हुए इस लॉकडाउन की स्थिति में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए इसी तरह के वेबिनार करते रहना चाहिए उन्होंने अपने जीवन काल के किशनगढ़ शाखा और अलवर शाखा के सदस्यों के साथ जो समय बिताया उस को भी याद किया।
वेबीनार के स्पीकर सीए अंकित सोमानी ने बताया कि हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ ) का फायदा हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख समुदाय के लोग ही ले सकते हैं। इसमें जिस पर जिम्मेदारी रहती है उसी युवक को कर्ता बनाया जाता है। कर्ता ज्यादातर परिस्थिति में पुरुष ही होगा परंतु कुुछ स्थिति में परिवार के फीमेल सदस्य भी करता हो सकती है जहां परिवार में कोई पुरुष सदस्य ना हो या हो तो वह नाबालिक हो या हो तो वह जिम्मेदारी वहन करने में समर्थ ना हो। एचयूएफ को कभी भी वेतन की इनकम नहीं हो सकती है क्योंकि एचयूएफ एक आर्टिफिशियल व्यक्ति है। इसमे कभी भी कमीशन या ब्रोकिंग की इनकम नही हो सकती है। वह अन्य लोगों से भी गिफ्ट ले सकता है परंतु वह टैक्सेबल होगा एचयूएफ में यदि गिफ्ट डेढ़ लाख से ज्यादा होगा।
किशनगढ़ शाखा अध्यक्ष सीए साकेत कालानी और अलवर शाखा अध्यक्ष सीए नितिन अगरवाल ने स्वागत उद्बोधन दिया एवं मुख्य अतिथि का स्वागत किया। सचिव सीए रवि खंडेलवाल ने संचालन किया सचिव सीए मोहित जैन ने सभी को धन्यवाद ज्ञापन किया। वेबीनार में दोनों शाखा के अलावा अन्य 500 सदस्य सम्मिलित हुए।

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