पवन पुत्र की प्रतिमा में दिखती हैं नसें, गर्म चीज छूते ही पड़ जाते हैं फफोले

पवन पुत्र की प्रतिमा में दिखती हैं नसें
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पवन पुत्र की प्रतिमा में दिखती हैं नसें

देश-दुनिया में पवन पुत्र हनुमान के बहुत से मंदिर हैं। इनमें से बहुत से मंदिर ऐसे हैं, जिनमें मंदिर या प्रतिमा को लेकर बहुत से चमत्कार और भक्तों की अगाध श्रद्धा जुड़ी हुई है। ऐसा ही एक मंदिर है मध्यप्रदेश में ग्वालियर से 40 किलोमीटर दूर शिवपुरी रोड पर घाटीगांव के पास। इस स्थान को धुआं के हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस स्थान की एक विशेषता यह भी है कि यहां हनुमान जी की मूर्ति दिन में बाल, वयस्क एवं बुजुर्ग जैसी नजर आती प्रतीत होती है।

खास है यह प्रतिमा

मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस क्षेत्र में लौह अयस्क प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यहां प्राचीन काल में इसी कारण अस्त्र-शस्त्र बनाए जाते थे। अस्त्र-शस्त्र बनाने के लिए लौह अयस्क को गलाया जाता था, जिससे भट्टियों से काफी धुआं निकलता था। यहां के आस-पास के वातावरण में धुआं ही धुआं नजर आता था। इसलिए इस मंदिर को धुआं के हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है।

मानव शरीर जैसी दिखती हैं नसें

मंदिर पुजारी ने बताया कि पवन पुत्र की इस प्राचीन मूर्ति में मानव शरीर की तरह ही नसें स्पष्ट देखी जा सकती हैं। यह प्रतिमा किसी विचित्र पदार्थ से निर्मित है। इस प्रतिमा पर सिंदूर का चोला नहीं चढ़ाया जाता है। उन्होंने बताया कि करीब 20 साल पहले हनुमान जी के मंदिर के ऊपर लगे टीन शेड पर बेल्डिंग की जा रही थी। इस दौरान बेल्डिंग से निकली चिंगारी मूर्ति पर गिरी, जिससे मूर्ति के कंधे पर फफोले भी पड़ गए थे।

काफी संख्या में आते हैं पर्यटक

हर साल अप्रेल में यहां 3 दिन मेला लगता है। नजदीक ही बावड़ी और सांक नदी इस क्षेत्र को और सुंदर बनाती है। बारिश एवं सर्दी के दिनों में यह एक पर्यटन स्थल के रूप में पहचाना जाता है। इन दिनों में यहां काफी संख्या में पर्यटकों की आवाजाही रहती है। ग्वालियर से बस द्वारा आसानी से घाटीगांव तक पहुंचा जा सकता है।

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