केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रदीप वर्मा चुने गए फेलो-2020 व अमित गोयल को सी.वी. रमन पुरस्कार

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अजमेर। राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय बांदर सिंदरी, किशनगढ़ के दो प्रोफेसर्स को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया है। विश्वविद्यालय में सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर प्रदीप वर्मा को माइकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया का फेलो -2020 चुना गया है। वहीं फार्मेसी विभाग के प्रोफेसर प्रो. अमित कुमार गोयल को सर सी.वी. रमन युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से नवाजा गया है प्रोफेसर गोयल को यह पुरस्कार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है। इस पुरस्कार में 50,000 की राशि तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

कई अंतरराष्ट्रीय पेटेंट हैं प्रोफेसर वर्मा के नाम

प्रो. प्रदीप वर्मा

प्रो. प्रदीप वर्मा ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय गुजरात से वर्ष 2002 में पीएच.डी. पूरी की। वर्तमान में वर्मा राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में आचार्य हैं । वह हरित और संधारणीय अनुप्रयोगों के लिए विभिन्न बायोप्रोसेस के विकास में आगे चलकर बायोमोलेक्यूल्स का पता लगाने के लिए विभिन्न पारिस्थितिक स्थिति से फफूंद विविधता के विश्लेषण और विभिन्न औद्योगिक एवं पर्यावरणीय अनुप्रयोगों के लिए बायोप्रोस्पेक्टिंग पर काम कर रहे हैं। उन्होंने आधुनिक आणविक और जैव सूचना विज्ञान दृष्टिकोणों में भी अपने काम को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय पेटेंट, एक राष्ट्रीय पेटेंट और 56 शोध पत्रों में योगदान दिया है। उन्होंने 1 पुस्तक संपादित की है और 22 पुस्तक अध्यायों और 5 सम्मेलन की कार्यवाही में योगदान दिया है।


प्रोफेसर गोयल को मिल चुके कई पुरस्कार

प्रो. अमित कुमार गोयल

प्रो. अमित कुमार गोयल राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में रासायनिक विज्ञान एवं फार्मेसी स्कूल के अधिष्ठाता तथा फार्मेसी विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। प्रो. गोयल अभिसरण नैनोटेक्नोलॉजी / नैनोमेडिसीन के के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं और औषधि के क्षेत्र में दवा वितरण प्रणालियों की क्षमता की खोज कर रहे हैं। उनके लगभग 350 संचयी इम्पैैक्ट फैक्टर वाली प्रसिद्ध पत्रिकाओं में 160 से अधिक वैज्ञानिक लेख प्रकाशित हुए हैं। उनके काम को विभिन्न लेखकों द्वारा विशेष रूप से उद्धरण एच-सूचकांक 48 और आई 10 सूचकांक 136 के साथ परिणाम और कार्यप्रणाली की व्याख्या के लिए उद्र्धत किया गया है। इससे पहले भी प्रोफेसर गोयल को अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं।

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