सामान को भेजना होगा आसान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से गत 7 जनवरी को वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के न्यू रेवाड़ी से न्यू मदार तक रेलखंड के शुरू किए जाने के बाद डीएफसी अब किशनगढ़ के बाहर लॉजेस्टिक पार्क विकसित करने की कवायद में है। यहाँ से डबल स्टैक ट्रेन से आसानी से कन्टेनर और माल की लॉडिंग और अनलॉडिंग कार्य किया जा सकेगा। डीएफसी डबल डेकर मालभाड़ा ट्रेन की मार्केटिंग कर बिजनेस को बढ़ाने की तैयारी में है।
रेलवे और डीएफसी के वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का उत्तरप्रदेश के दादरी मेें जक्शन पॉइंट बनेगा। दादरी से रेवारी और रेवारी से न्यू अटेली (हरियाणा) तक ट्रेक निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। जबकि न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ मदार रेलखंड तक यह पूरा ट्रेक बन कर तैयार हो चुका है और इस बीच डबल स्टैक ट्रेन का विद्युत इंजन से संचालन भी शुरू हो चुका है। वर्ष 2022 में पूरा प्रोजेक्ट तैयार करने के साथ ही डीएफसी अब इस मालभाड़ा ट्रेन की मार्केटिंग कर बिजनेस बढ़ाएगी। इसके लिए न्यू किशनगढ़ स्टेशन के पास ही एक लॉजेस्टिक पार्क विकसित करने जा रही है। इस पार्क में डबल स्टै्क ट्रेन पर आसानी से कन्टेनर या माल की लॉडिंग और अनलॉडिंग की जा सके। हरेक स्टेशन पर एक मार्केटिंग विभाग भी बनेगा और यह विभाग स्थानीय स्तर पर पूरी तरह मार्केटिंग का कार्य ही करेगा। यहां ऑफ लाइन बुकिंग के साथ ही ऑनलाइन बुकिंग भी की जाएगी।
डीएफसी का न्यू किशनगढ़ से मारवाड़ तक मार्च तक रेल ट्रेक तैयार करने का लक्ष्य है। इसी तरह मारवाड़ से पालपुर और पालनपुर से मुम्बई के जेएनपीटी (जवाहरलाल नेहरू पोर्ट) तक रेल ट्रेक का काम भी करीब इस साल के अंतिम माह दिसम्बर में पूरा होने की उम्मीद है। इसी तरह पालनपुर से गुजरात के कांडला बंदरगाह रेल ट्रेक निर्माण भी तेजी पर है और जल्द पूरा होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2022 में इस प्रोजेक्ट में करीब 1000 किलोमीटर रेल ट्रेक बनाया जाना है। उत्तरप्रदेश के दादरी जंक्शन से मुम्बई के जेएनपीटी तक प्रतिदिन 240 डबल स्टैक ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। इनमें लगभग 100 ट्रेनों का संचालन होगा।
12 हजार हॉर्स पॉवर का है विशेष इंजन
डेढ किलोमीटर डबल स्ट्रैक ट्रेन के संचालन के लिए 12 हजार हॉर्स पॉवर का इंजन लगाया गया है और यह इंजन विशेष रूप से डीएफसी की इसी डबल स्ट्रैक ट्रेन के लिए तैयार किया गया है। इन इंजनों का निर्माण बिहार में किया जा रहा है। इस ट्रेन में 13 हजार टन का माल लदान किया जा सकता है और एक स्थान से दूसरे स्थान भेजा जा सकता है।